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Thursday, November 13, 2025
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Homeउत्तर प्रदेशMeerutकैंट की सड़कें कभी थी मिसाल, पर आज हैं बदहाल

कैंट की सड़कें कभी थी मिसाल, पर आज हैं बदहाल

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शारदा रिपोर्टर मेरठ। छावनी में भैंसाली मैदान के पास मेरठ को दिल्ली से जोड़ने वाली मुख्य सड़क का हाल बेहाल है। सड़क में बस गड्डे ही गड्ढे हैं। लोग यहां से गुजरते हैं तो कभी स्कूटर पलटता है, तो कभी साइकिलें पलटती हैं। आए दिन ई- रक्शा और मालवाहन भी उलट जाते हैं। आए दिन यहां से गुजरने वाले स्कूली बच्चे गिरते हैं, घायल होते हैं।

स्थानीय नागरिकों की मानें तो कई बार कैंट विधायक सहित छावनी बोर्ड में अपनी परेशानी बता चुके हैं। शिकायत के बाद भी सुनवाई नहीं होती। क्षेत्र की सड़कों को लेकर स्थानीय निवासी राजकुमार जैन ने बताया कि, लंबे समय से सड़क खराब है, लेकिन पिछले 6 महीने से तो सड़क का हाल बेहाल है। जबकि, शिकायत करने के बाद भी हमारी सुनवाई नहीं हो रही है। छावनी बोर्ड वाले आते हैं चले जाते हैं, लेकिन सड़क बनाई जा रही। हर बार हमें आश्वासन दे दिया जाता है कि, सड़क बनने वाली है। हमारी किराना दुकान है अब तो ग्राहकी पर भी सड़क का असर पड़ रहा है।

प्रिंस जैन की धानेश्वर चौक पर किराना स्टोर है। प्रिंस कहते हैं सदर का पुराना इलाका है, पुराना बाजार है। तमाम वाहन यहां से गुजरते हैं लेकिन हमारी जरा भी सुनवाई नहीं हो रही। सड़कों का वो हाल है कि रोजाना हमारा नुकसान होता है। कभी किसी ग्राहक का सामान गिरता है। कभी स्कूटर पलटते हैं। सामान के रिक्शे, वाहन पलट जाते हैं। कभी सड़क से सीधे पत्थर उचटकर हमारी दुकान में अंदर आते हैं और शोरूम के कांच टूट जाता है। बारिश में इतना पानी भर जाता है। चौराहे को डेढ़ फुट ऊपर उठा दिया। अब सारा पानी दुकानों में भरता है।

कारोबारी और सदर के क्षेत्रीय निवासी विनेश जैन कहते हैं ये सड़क वेस्टर्न रोड से जुड़ी है। यहां 6 से ज्यादा बड़े स्कूल हैं। रोजाना इन सड़कों से 25 हजार से अधिक बच्चे गुजरते हैं। लेकिन जब ये बच्चे इन सड़कों पर बच्चे गिरते हैं। उन्हें चोट लगती है। ऋषभ एकेडमी, दीवान पब्लिक, एमपीएस, एमपीजीएस, सीएबी, दिगंबर जैन, दुगार्बाड़ी सहित तमाम स्कूल हैं। हमारे जनप्रतिनिधियों को हमारी वोट केवल चुनाव के वक्त याद आती है। आम दिनों में उनकी नजर में हम क्यों नहीं आते। कैंट तो मेरठ का वीआईपी क्षेत्र है। दशहरे का मेला सालों से लगता है। राम की बात करने वाले रामलीला जहां होती है उस सड़क को भूले बैठे हैं। सामने ही रामलीला भवन हैं।

 

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