मेरठ से गढ़मुक्तेश्वर जाने वाले मार्ग की इस समय स्थिति बहुत ही भयावह।
गढ़ मार्ग पर अफसरों की लापरवाही से जानलेवा हो रहा सफर।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। प्रशासनिक और विभागीय लापरवाही आम जनता की जान जोखिम में डाल रही है। मेरठ से गढ़मुक्तेश्वर जाने वाले मार्ग की इस समय स्थिति बहुत ही भयावह हो चली है। यह हाल तो तब है, जब इसे लेकर किसान संगठनों से लेकर आम जनता तक आंदोलन कर चुकी है। अधिकारी भी शीघ्र मार्ग मरम्मत का आश्वासन दे चुके हैं। लेकिन एक माह बाद भी इस पर कोई काम नहीं हुआ है।
बारिश के कारण मेरठ-गढ़ मार्ग पर, विशेष रूप से किठौर, नंगली, माछरा, हसनपुर कलां और मउखास जैसे क्षेत्रों में, डेढ़-डेढ़ फीट तक के गहरे गड्ढे बन गए हैं। सड़क की जर्जर स्थिति और गड्ढों के कारण बाइक सवारों और अन्य राहगीरों के दुर्घटनाग्रस्त होने की लगातार घटनाएं हो रही हैं, जिससे लोगों को चोट भी लग रही है। खराब सड़क के कारण लोगों को इस मार्ग से गुजरने में भारी परेशानी हो रही है, खासकर स्कूली बच्चों और अन्य यात्रियों को।
करीब एक माह पहले भारतीय किसान यूनियन भानू के प्रतिनिधि मंडल ने डॉ नुसरत सेठ के नेतृत्व में एनएचएआई मेरठ के प्रोजेक्ट डायरेक्टर से मुलाकात की थी। उन्होंने सड़क की दयनीय स्थिति के संबंध में ज्ञापन सौंपा था। एनएचएआई के अधिकारी सरस पाण्डेय ने कहा था कि सड़क निर्माण का मामला वर्तमान में न्यायालय में विचाराधीन है। उन्होंने कहा कि गड्ढे भरने की अनुमति न्यायालय से मिल गई है। अगले एक-दो दिनों में पैचवर्क के जरिए गड्ढों को भरने का काम शुरू कर दिया जाएगा।
लेकिन एक माह बाद भी गड्ढे भरने का काम शुरू नहीं हुआ। ऐसे में अब हालात ये हैं कि इस मार्ग से गुजरना लोगों की जिंदगी से तो खिलवाड़ है, ही उनके वाहन भी क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। अहम बात ये है कि इस संकीर्ण मार्ग पर वाहन गड्ढों के चलते एक दूसरे से आमने-सामने टकराने की स्थिति में आ जाते हैं। जिसके चलते आए दिन यहां पर वाहन चालक चोटिल होते रहते हैं।