Wednesday, April 16, 2025
Homeउत्तर प्रदेशMeerutचुनाव तक जातिवाद का मुद्दा रहेगा हावी

चुनाव तक जातिवाद का मुद्दा रहेगा हावी

  •  क्षत्रीय समाज के कार्यक्रम से पश्चिम की राजनीति में घमासान मचता आ रहा नजर,
  •  ठा. संगीत सोम को मुजफ्फरनगर से चुनाव लड़ने की पैरवी में जुटा क्षत्रिय समाज।

अनुज मित्तल, समाचार संपादक

मेरठ। यूं तो हर चुनाव में ही जाति और संप्रदाय का मुद्दा हावी रहता है, लेकिन इस बार संप्रदाय से ऊपर कहीं न कहीं जातिवादी राजनीति का मुद्दा भी गहराता नजर आ रहा है। लोकसभा चुनाव से पहले लगातार जाट, क्षत्रीय और गुर्जरों की हो रही पंचायतों से यह आगाज होना शुरू हो गया है।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ और सहारनपुर मंडल को गन्ना बेल्ट कहा जाता है। लेकिन पिछले कुछ समय से जातिवादी राजनीति को आगे रखने वालों ने इसे जाट लैंड भी कहना शुरू कर दिया। अहम बात ये रही कि काफी संख्या में मीडिया के लोगों ने भी अपनी खबरों में इस क्षेत्र को जाट लैंड बताना शुरू कर दिया। जबकि भौगोलिक स्थिति के अनुसार जब संख्या बल देखते हैं तो जाट लैंड जैसा कहीं कुछ नजर नहीं आता है।
लेकिन इस सबसे एक खास बिरादरी सभी की नजरों में आ गई। बसपा को छोड़ दें तो बाकी कोई भी दल इससे अछूता नहीं रहा। अचानक पिछले दस साल में जाटों को प्रतिनिधित्व दिए जाने से परेशान गुर्जर और क्षत्रिय समाज भी अब मैदान में उतर आया है और खुलकर चुनौती दे रहा है।

पिछले दिनों सम्राट मीहिर भोज के मामले पर गुर्जर बिरादरी ने जो एकजुटता दिखाई और रैली आदि का आयोजन किया, उससे साफ हो चला कि गुर्जर भी अब सभी को एकजुटता का संदेश देना चाहता है। वहीं क्षत्रीय समाज जो अब तक चुप बैठा था, वहे भी अब अपनी रणनीति तैयार कर मैदान में उतर आया है।

इन तीनों बिरादरियों की जंग पर सभी राजनीतिक दलों की नजर लगी है। यह सही है कि क्षत्रिय समाज मेरठ और सहारनपुर मंडल में न केवल बड़ी संख्या में है, बल्कि लगभग हर सीट पर हार जीत का समीकरण बनाने और बिगाड़ने की भी क्षमता रखता है। यही स्थिति कई सीटों पर गुर्जर और जाटों की भी है।

ऐसे में चुनाव से ठीक पहले उभर रहे इस जातिवादी राजनैतिक दबाव से राजनीतिक पार्टियां कैसे पार पाएंगी? इस पर सभी की नजरें टिकी हुई है।

डा. संजीव बालियान को पड़ सकती है मुश्किल

सरधना में ठा. संगीत सोम की हार को ठाकुर समाज पचा नहीं पा रहा है। इसके पीछे वह भीतरीघात को मुख्य कारण मान रहा है। यही कारण है कि रविवार को भी यह आक्रोश कई वक्ताओं की जुबान पर साफ नजर आया। ऐसे में सरधना की ठा. चौबीसी के कुछ लोग जो कार्यक्रम में आए थे, उन्होंने स्पष्ट कहा कि यदि भाजपा ने मुजफ्फरनगर पर टिकट न बदला तो हम प्रतिनिधि को बदल देंगे।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

ताजा खबर

Recent Comments