– बैठक से पहले कर्मचारियों का हंगामा, पार्षदों ने लगाया नगर आयुक्त पर असफलता का आरोप।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। ठेका प्रथा समाप्त करने, मानकों के अनुसार सफाई कर्मचारियों की भर्ती करने, सभी वार्डों में हाजिरी स्थल बनवाने आदि की मांग को लेकर सफाई कर्मचारियों ने जमकर हंगामा किया। इतना ही नहीं सफाई कर्मचारी धरने पर बैठ गए और साफ तौर पर चेतावनी दी कि, जब तब उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो जाता, तब तक वह बोर्ड बैठक को नहीं होने देंगे। इस दौरान काफी देर तक हंगामा होता रहा।
हंगामें की भेंट चढ़ी मेरठ नगर निगम की बोर्ड बैठक, नगर आयुक्त बैठक छोड़ कर गए
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हालांकि, इस दौरान मौके पर पहुंचे महापौर हरिकांत अहलूवालिया ने सफाई कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि वह जल्द ही सफाई कर्मचारी संघ की सभी समस्याओं का समाधान कराने की पूरी कोशिश करेंगे। लेकिन, इस दौरान काफी देर तक सफाई कर्म हंगामा और नारेबाजी करते रहे।
बता दें कि, शनिवार को सीसीएस यूनिवर्सिटी के अटल सभागार में नगर निगम की बोर्ड बैठक प्रस्तावित थी। लेकिन, नगर निगम की बोर्ड बैठक शुरू हो पाती, इससे पहले ही सफाई कर्मचारी वहां पहुंचे और हंगामा शुरू कर दिया।

उधर, बोर्ड बैठक से ठीक पहले सुमित कुमार शर्मा भी अपने हाथ में बैनर लेकर पहुंचे और बताया कि उनके वार्ड सूरजकुंड क्षेत्र में अधेरा छाया हुआ है। स्ट्रीट लाइटें खराब पड़ी है और इन खराब लाइटों को ठीक करने वाला कोई नहीं। उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि, दो साल हो गए है क्षेत्रवासियों को इस समस्या से गुजरते हुए, लेकिन आज तक भी क्षेत्रवासियों की इस समस्या को कोई समाधान नहीं हुआ। वहीं, नगर निगम अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा कोई समाधान नहीं मिलने पर वार्ड पार्षद सुमित कुमार तख्तियां लेकर बोर्ड बैठक में बैठ गए।

उधर, नगर निगम की बोर्ड बैठक शुरू होते ही भाजपा पार्षद उत्तम सैनी में सभी को एक वीडियो दिखाया। जिसमें एक ठेकेदार से नगर आयुक्त आशीर्वाद ले रहे हैं। इसको देखकर नगर आयुक्त गुस्से में आ गए और बोर्ड बैठक से उठकर बाहर निकल गए। वहीं, नगर आयुक्त को बाहर जाता देख सभी नगर निगम के अधिकारी और कर्मचारी भी बाहर आ गए। इस दौरान हंगामा और बढ़ गया। जिसके बाद नगर निगम के पार्षदों ने हंगामा करना शुरू कर दिया।

वहीं, स्टेज पर बैठे मेयर हरिकांत अहलूवालिया पार्षदों को शांत करने की पूरी कोशिश करते रहे। लेकिन काफी देर तक हंगामा होता रहा। पार्षदों ने आरोप लगाया की ना तो शहर में साफ सफाई की व्यवस्था सुचारू रूप से की गई है और ना ही कूड़े को समय पर उठाया जाता है। जबकि, पूरे शहर में स्ट्रीट लाइट खराब होने के चलते अंधेरा छाया हुआ है। लेकिन सब कुछ जानते हो भी नगर निगम के अधिकारी और कर्मचारी आंखें मंडे बैठे हैं।
उन्होंने कहा कि आवारा और छुट्टा पशुओं की लगातार मौत हो रही है और कुत्तों को कुत्ते की वैक्सीन के लिए नगर निगम के पास कोई व्यवस्था नहीं है। जबकि शहर में आए दिन कुत्ता काटने की घटनाएं आम हो चुकी है।
हड़ताल पर गए निगम कर्मचारी
बोर्ड बैठक में नगर आयुक्त के साथ अभद्र व्यवहार का आरोप लगाते हुए निगम कर्मचारी भी पार्षदों के विरोध में उतर आए। उन्होंने निगम कार्यालय पर ताला जड़ते हुए हड़ताल पर जाने की घोषणा कर दी। कर्मचारियों ने कहा कि जब तक अभद्रता करने वाले पार्षद माफी नहीं मांगेंगे, वह काम पर नहीं आएंगे।



