– लाश देखकर पिता बोला कि काश बचा पाता।
बिजनौर। तेंदुए (गुलदार) ने 10 साल की बच्ची को मार डाला। शुक्रवार रात वह दूध लेने के लिए घर से 60 मीटर दूर दुकान गई थी। दुकान से घर लौट रही थी, तभी झाड़ियों से निकलकर तेंदुए ने अटैक कर दिया। गर्दन को जबड़े में दबाकर जंगल की ओर ले जाने लगा।
बच्ची का शोर सुनकर उसके पिता और ग्रामीण दौड़कर बाहर आए। देखा तो तेंदुआ बच्ची को लेकर भाग रहा था। सभी ने लाठी-डंडा लेकर तेंदुए का पीछा किया। 500 मीटर दूर जाने पर तेंदुआ बच्ची को खेत में छोड़कर जंगल में भाग गया।
परिजन बच्ची को सीएचसी नगीना लेकर पहुंचे, तो डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों के अनुसार, तेंदुए ने बच्ची की गर्दन तोड़ दी थी। बच्ची के कंधे और चेहरे पर दांतों के निशान हैं। पीठ और छाती पर भी खरोंचें हैं।
फिलहाल, वन विभाग की टीम ने तेंदुए की धरपकड़ के लिए गांव में पेट्रोलिंग शुरू कर दी है। टीम ने रातभर गांव में सर्च अभियान चलाया। तेंदुए को ट्रेंकुलाइज करने के लिए पिंजरा लगाया गया है। जगह-जगह ट्रैप कैमरे भी लगाए गए हैं। बिजनौर में ढाई साल में तेंदुए के हमले से 32 लोगों की मौत हो चुकी है।
मूल रूप से लखीमपुर के रहने वाले प्रेम तीन साल से बिजनौर के नगीना देहात थाना क्षेत्र के कान्हेड़ा गांव में परिवार के साथ रहते हैं। गुड़िया के अलावा प्रेम के 2 और बच्चे भी हैं। गुड़िया सबसे बड़ी थी। वह गांव के ही स्कूल में कक्षा-3 में पढ़ाई करती थी।
प्रेम, अमनदीप सिंह के डेरे पर पशुओं की देखभाल और खेती-बाड़ी का काम करते हैं। अमनदीप ने बताया- प्रेम की बड़ी बेटी गुड़िया (10) शुक्रवार रात 8 बजे घर से थोड़ी दूर स्थित किराना दुकान पर दूध का पैकेट लेने गई थी।
जब वह लौट रही थी, तो तेंदुए ने उस पर हमला कर दिया। तेंदुए ने अपने जबड़े में गुड़िया की गर्दन दबोची तो बच्ची चिल्लाई। बच्ची का पिता और अन्य लोग बाहर आए। तेंदुआ बच्ची को जंगल की ओर लेकर भाग रहा था। लोगों ने लाठी-डंडे लेकर उसका पीछा किया।
बच्ची की लाश देखकर पिता ने रोते हुए कहा- मेरी आंखों के सामने ही तेंदुए ने मेरी बेटी को मार डाला। मैं कुछ नहीं कर सका। काश उसे दूध लेने भेजा ही नहीं होता। काश मैं उसे बचा पाता। गुड़िया की मौत की खबर सुनकर उसकी मां का भी रो-रोकर बुरा हाल है।
घटना की सूचना मिलते ही सीओ नगीना अंजनी कुमार चतुवेर्दी, स्थानीय पुलिस और वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। सीओ ने बताया- बच्ची के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया गया है।
ग्रामीणों ने बताया कि यहां अक्सर तेंदुए देखे जाते हैं। क्षेत्र में करीब 60-70 गुलदार हैं। आए दिन लोग हमले का शिकार होते हैं। काफी लोगों की मौत हो चुकी है, फिर भी वन विभाग की ओर से इनकी धरपकड़ के लिए कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।