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स्नायु तंत्र की लड़ाई में टीम इंडिया ने साउथ अफ्रीका को शिकस्त दी

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11 साल बाद भारत ने आईसीसी टूर्नामेंट जीता।


ज्ञान प्रकाश, संपादक।

जिस टीम के टॉप के तीन खिलाड़ी 23 रनों पर आउट हो जाएं और लगभग हार चुके मुकाबले को जीत ले उसके लिए क्या कहेंगे। जी हां ऐसा आज टी 20 वर्ल्ड कप फाइनल में साउथ अफ्रीका के जबड़े से जीत निकाल के 11 साल से आईसीसी टूर्नामेंट न जीतने के सूखे को खत्म कर न केवल ट्राफी जीती बल्कि करोड़ों लोगों के सपनों को पूरा किया।

 

 

इस ऐतिहासिक जीत में विराट कोहली, अक्षर पटेल और शिवम दुबे की शानदार बैटिंग और बूम बूम बुमराह, अर्शदीप सिंह और हार्दिक पांड्या की जानदार बॉलिंग रही। अगर एक शब्दों में कहा जाए तो खतरनाक बनते जा रहे मिलर का बाउंड्री पर सूर्यकुमार यादव के कैच ने साउथ अफ्रीका की बर्बादी की कहानी लिख दी थी। टीम इंडिया के खिलाड़ियों ने उस वक्त अपने स्नायु तंत्र पर नियंत्रण रखा जब साउथ अफ्रीका को तीस गेंद पर तीस रन चाहिए थे और पांच विकेट बाकी थे।

आज निश्चित रूप से दो बड़े स्पिनर अक्षर पटेल और कुलदीप यादव ने निराश किया और आठ ओवर्स में 96 रन दिए। बुमराह ने अपनी जिम्मेदारी फिर निभाई और दो विकेट लिए। हार्दिक पांड्या ने तीन और अर्शदीप सिंह ने दो विकेट लिए। साउथ अफ्रीका ने फिर साबित कर दिया कि उसको लोग चोकर सही कहते है। आखिरी पांच ओवर्स में तीस रन न बना पाना इसे चोकर नहीं तो क्या कहेंगे। अगर सेमीफाइनल में अक्षर पटेल ने बाउंड्री लाइन पर मिचेल मार्श का कैच लेकर ऑस्ट्रेलिया को बाहर कर दिया तो वही काम सूर्यकुमार यादव ने मिलर को आउट करके किया।

आखिरी ओवर में साउथ अफ्रीका को 18 रन बनाने थे जो नहीं बने। भारत ने 1983 में कपिल देव की कप्तानी में वर्ल्ड कप, धोनी की कप्तानी में 2007 में टी 20 वर्ल्ड कप और 2011 में वन डे वर्ल्ड कप जीता है।

 

 

रोहित शर्मा भी अब इस फेहरिस्त में शामिल हो गए है। जैसे ही भारत ने फाइनल जीता विराट कोहली, रोहित शर्मा, हार्दिक पांड्या और बुमराह की आंखों में आंसू आ गए जो साबित करते है महान राहुल द्रविड़ की कोचिंग कितनी कारगर साबित हुई।

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