Home Education News मेरठ: शराब के नशे में बच्चों को पढ़ानें वाला अध्यापक सस्पेंड

मेरठ: शराब के नशे में बच्चों को पढ़ानें वाला अध्यापक सस्पेंड

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– बीएसए ने शराबी सहायक अध्यापक को नशे में बच्चों को पढ़ाने पर किया सस्पेंड।
– लापरवाही के चलत पहले भी हो चुके है सहायक अध्यापक हंसबीर सिंह सस्पेंड।


प्रेमशंकर, मेरठ। बेसिक शिक्षा विभाग पर गरीब व आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों को शिक्षा देने की जिम्मेदारी है। इसको लेकर राज्य सरकार ने पूरे प्रदेश में बेसिक शिक्षा के आधीन विद्यालय संचालित कर रखें है। इन विद्यालयों में बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षकों की नियुक्तियां की गई है जिन्हें शासन से अच्छा-खासा वेतन मिलता है। लेकिन कुछ शिक्षकों द्वारा बच्चों को पढ़ाने में लगातार लापरवाही बतरतने के मामले सामने आते रहते है। इनको लेकर जिला स्तर पर बेसिक शिक्षा विभाग सख्त कार्रवाई भी करता है लेकिन लापरवाह शिक्षकों पर इसका कोई खास असर नहीं होता है। ऐसा ही मामला सामने आया जिसमे जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने एक शराबी सहायक अध्यापक को सस्पेंड कर दिया।

– बिना किसी सूचना के रहते है अनुपस्थित

सहायक अध्यापक हंसबीर सिंह की नियुक्ति प्राथमिक विद्यालय नबीपुर अमानतनगर में है। लेकिन यह बिना किसी पूर्व सूचना के अक्सर विद्यालय से नदारत रहते है। यह बात खण्ड शिक्षा आधिकारी की जांच में कई बार सामने आ चुकी है। इसके साथ ही करवाचौथ वाले दिन भी जब महिला सहायक अध्यापिका छुट्टी पर थी उस दिन भी यह स्वयं बिना किसी पूर्व सूचना के विद्यालय नहीं पहुंचे। इस वजह से स्कूल का गेट तक नहीं खुला और बच्चे स्कूल के बाहर ही काफी देर तक मौजूद रहे।

– शराब पीकर स्कूल आते है मास्साब

सहायक अध्यापक हंसबीर सिंह अक्सर शराब के नशे में स्कूल आते है। यह खुलासा भी खण्ड शिक्षा अधिकारी के औचक निरीक्षण में हो चुका है। बताया जा रहा है सस्पेंड हुए सहायक अध्यापक कई बार स्कूल में उपस्थिति रजिस्टर में हाजरी लगानरे के बाद बिना बताए स्कूल से नदारत हो जाते है। कुछ लोगों का कहना है हाजरी लगाने के बाद शिक्षक सीधे शराब की दुकान पर जाकर दिन में ही शराब का सेवन करते है।

– कई बार निलंबन के बाद इसी स्कूल में बहाली

नियमों के अनुसार किसी भी शिक्षक को शिक्षण कार्य में लापरवाही बरतने पर विभागी कार्रवाई के दौरान निलंबन किया जाता है। जिसके बाद उसे जांच होने तक किसी दूसरे विद्यालय में अटैच किया जाता है जिससे वह जांच को प्रभावित न कर सके। जांच पूरी होन पर यदि आरोप सिद्ध होता है तो शिक्षक को किसी दूसरे विद्यालय में स्थानांतरित कर दिया जाता है। लेकिन यहां ऐसा नहीं हुआ, शिक्षक कई बार निलंबित होने के बाद फिर इसी विद्यालय में आ जाते है। यानी उनके खिलाफ जांच में दोष सिद्ध नहीं पाया गया।

– 79 छात्रों का भविष्य दांव पर

जिस स्कूल में सहायक अध्यापक पिछले कई सालों से तैनात है उसमे आज की तारीख में 79 बच्चे शिक्षा लेने के लिए पंजीकृत है। लेकिन शिक्षक द्वारा शराब के नशे में स्कूल आने से इन बच्चों का भविष्य दांव पर लग रहा है। अब एक बार फिर इस शिक्षक को निलंबित किया गया है देखना होगा क्या इस बार भी इनके खिलाफ आरोप साबित होता है या नहीं। क्या इस बार भी निलंबित शिक्षक के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई होगी जो इस तरह अपने काम में लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों के लिए एक नजीर साबित हो सकती है।

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