Saturday, July 5, 2025
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एकमुश्त योजना का लाभ उठाकर करें बकाया भुगतान

  • विद्युत वितरण निगम पश्चिमांचल ने 2024-25 के पंजीकृत उपभोक्ताओं के बनाई योजना।

शारदा रिपोर्टर मेरठ। एकमुश्त समाधान योजना 2024-25 के तहत पंजीकृत उपभोक्ता जिन्होंने पंजीकरण कराते समय एक मुश्त अथवा किस्तों में भुगतान करने के विकल्प का चयन किया, परंतु नियत तिथि तक शेष धनराशि अथवा किस्तों का भुगतान नहीं करने के कारण डिफाल्टर हो गए है, वह एकमुश्त समाधान योजना 2024-25 में विलंबित भुगतान अधिभार में छूट प्राप्त करने के लिए पात्र होंगे।

डिफाल्टर उपभोक्ता को शेष बकाया के साथ रुपए 1000 या इससे अधिक मिलने वाली छूट का 10 प्रतिशत, जो भी राशि अधिक हो, का 31 जुलाई तक एकमुश्त पूर्ण भुगतान करना होगा। शेष बकाया का अभिप्राय विलंबित भुगतान अधिभार में मिलने वाली छूट को वर्तमान कुल बकाया विद्युत बिल से कम करने पर प्राप्त बकाया विद्युत बिल से है। विलंबित भुगतान अधिभार में छूट प्रदान करने के लिए पात्र उपभोक्ताओं द्वारा पूर्व में कराया गया पंजीकरण ही 31 जुलाई तक पुन: प्रभावी होगा।
बिलिंग सिस्टम द्वारा पंजीकरण को पुन: प्रभावी किया जाएगा अर्थात नवीन पंजीकरण की आवश्यकता नहीं होगी। दरअसल, इस योजना के तहत पात्र उपभोक्ता द्वारा छूट के उपरान्त देय धनराशि का भुगतान उपभोक्ता विभागीय खंड/उपखंड कार्यालय/कैश काउंटर, जनसेवा केंद्र, विद्युत सखी, फिनटेक प्रतिनिधि अथवा मीटर रीडर (बिलिंग एजेंसी) के माध्यम से किया जा सकेगा। पात्र उपभोक्ता द्वारा यदि छूट के बाद देय धनराशि का नियत तिथि तक एकमुश्त पूर्ण भुगतान नहीं किया जाता है, तो उपभोक्ता पुन डिफाल्टर हो जाएगा और उपभोक्ता को विलंबित भुगतान अधिभार में छूट का लाभ नहीं मिलेगा।

बकाया वसूली के बड़े दावों, भरपूर: बता दें कि, कोशिशों और प्रचार-प्रसार के बाद भी बीते दिनों चलाई गई पीवीवीएनएल की एकमुश्त समाधान योजना अधर में अटक गई। मगर क्या आप जानते हैं कि, ऐसा क्यों हुआ। क्योंकि, जिन बकाएदारों की वजह से यह योजना अटकी हैं, वह कोई छोटे-मोटे बकाएदार नहीं है। सबके सब बकाएदार 10 लाख से ऊपर वाले, यानी पैसे वाले हैं। वो भी ऐसे जो बिजली का इस्तेमाल तो भरपूर कर रहे हैं, लेकिन बिजली के पैसे नहीं दे रहे हैं। योजना की स्थिति यह है कि बार-बार डेट बढने और भारी भरकम छूट देने के बाद भी मात्र 15 प्रतिशत बकाएदारों ने ही बकाया जमा किया है। आंकड़ों की भाषा में कहें तो विभाग को इस योजना से छह हजार करोड़ में से मात्र 700 करोड़ रुपए का ही बकाया के रूप में मिल पाए हैं।

36 लाख से अधिक बकायेदार

सूत्रों की मानें तो पीवीवीएनएल के सभी 14 जिलों कुल 42 लाख बकाएदारों से बकाया वसूली के लिए विभाग ने एकमुश्त समाधान योजना शुरू की थी। इस योजना में बकायेदारों को सरचार्ज में शतप्रतिशत छूट का आॅफर दिया गया था। लेकिन इसके बाद भी मात्र 6.54 लाख बकायेदारों ने ही अपना बकाया बिल जमा किया। जबकि, अब भी ऐसे सैंकड़ों उपभोक्ता हैं, जिन्होंने विधुत विभाग को बिजली का बिल नहीं जमा कराया है।

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