– विदेशी वस्तुओं का त्याग करें स्वदेशी अपनाएं।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। स्वदेशी अपनाओ अभियान में आत्मनिर्भरता बढ़ाना, स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करना, और रोजगार के अवसर पैदा करना शामिल है। यह अभियान स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देता है, विदेशी उत्पादों पर निर्भरता कम करता है, और “मेक इन इंडिया” जैसे राष्ट्रीय लक्ष्यों को साकार करने में मदद करता है। इसके अलावा, यह भारत की संस्कृति और परंपरा को बनाए रखने में भी योगदान देता है।
ऐसा बतौर मुख्य अतिथि प्रोफेसर संगीता शुक्ला तिरुपति चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय ने अपने उद्बोधन में कहा,। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के ललित कला विभाग द्वारा माननीय प्रधानमंत्री जी के सदस्य अपनाओ अभियान के अंतर्गत विद्यार्थी महिलाओं में बालिकाओं द्वारा हस्त निर्मित कलात्मक वास्तु उत्पादो का प्रदर्शन हुनर हाट” के अंतर्गत किया गया। मेरा हाथ का उद्घाटन प्रोफेसर संगीता शुक्ला कार्यक्रम अध्यक्ष एवं राधिका अत्री, डिस्ट्रिक्ट प्रेसिडेंट बेटियां फाउंडेशन तथा प्रोफेसर बिंदु शर्मा ने किया।
संयोजिका प्रोफेसर अलका तिवारी ने बताया कि ललित कला विभाग द्वारा गठन एक वर्षों से हुनर हाट का आयोजन किया जा रहा है जिसके अंतर्गत विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर बनाने तथा भारतीय पारंपरिक कलाओं एवं उत्पादों को प्रचलन में लाने के लिए हाथ से बनी हुई वस्तुओं यथा बैग शॉल कुशन कवर लैंप, पेपर मेसी के बर्तन ,खिलौने बंदनवार ,रंगोली , कठपुतली, टेबल स्टूल, लिपपन आर्ट, दस्तकारी ,कढ़ाई सिलाई बुनाई तथा लोक चित्रकारी से सुसज्जित कलात्मक वस्तुओं, हैंड पेंटेड साड़ी सूट, बेडशीट, आदि स्वदेशी उत्पादो को खरीदारी के लिए प्रदर्शित किया गया।
कुलसचिव डॉ अनिल कुमार यादव ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत और स्वदेशी अभियान एक दूसरे के पूरक हैं। स्वदेशी उत्पादों को दैनिक जीवन में अपनाकर ही देश को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है। हुनर हाट विश्वविद्यालय की अनेक विभागों की शिक्षकों कर्मचारियों व विद्यार्थियों ने खरीदारी की। आयोजन में डॉ पूर्णिमा वशिष्ठ डॉ शालिनी धामा,दीपांजलि, कृतिका डॉक्टर रिता सिंह मिस्टर खालिद का विशेष योगदान रहा।