अपने बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिये पिता हर संभव कदम उठाता है। बच्चे को उच्च शिक्षा दिलाने के लिये लोगों से उधार भी लेकर अपने बेटे को घर से दूर भेजकर रोज सपने देखता है कि एक दिन ऐसा आएगा जब बेटा मोटे पैकेज के साथ जिंदगी की शुरुआत करेगा। अफसोस तेज रफ्तार प्रतिस्पर्धा के दौर में कुछ बच्चे खुद को ढाल नहीं पा रहे हैं और मां बाप के सपनों को एक पल में ध्वस्त करके मौत को गले लगा रहे हैं। हालिया दौर में ऐसी हुई घटनाओं ने मां बाप को गंभीरता से सोचने पर मजबूर कर दिया है।
मेरठ के उच्च शिक्षा प्रदान करने वाले तमाम संस्थानों में प्रतिस्पर्धा लगातार बढ़ती जा रही है और प्रदेश के दूरदराज से आ रहे छात्रों में पढ़ाई के अलावा अपने परिवार की स्थिति का भी दबाब रहता है। ऐसे में बजाय लोगों से सलाह मशविरा करने के बच्चा मौत को गले लगाकर पूरे परिवार के सपनों को चकनाचूर कर रहा है।
सुभारती यूनिवर्सिटी में बिहार के सीतामढ़ी से पढ़ने छात्र आए छात्र ने हॉस्टल की छत से कूदकर आत्महत्या कर ली। शशी रंजन के घर वालों ने भी तमाम सपने देखे होंगे कि बेटा बीसीए करने के बाद अच्छी नौकरी करेगा और परिवार का नाम रोशन करेगा। बकौल पुलिस बेटे की मौत की सूचना मिलते ही मां गश खाकर गिर गई और पिता गमगीन हो गए। तीन दिन पहले एमआईटी में बीटेक कर रहे बिहार के छात्र शिवम ने फांसी लगाकर जान दे दी थी। गत वर्ष यहां पिछले दो दिन में तीन युवाओं ने खुद ही मौत को गले लगा लिया। गत वर्ष शहर के आनंद मेडिकल में नर्सिंग की छात्रा आरजू ने अपने कमरे में दुपट्टे से फंदा बनाकर पंखे से लटककर सुसाइड कर लिया। हालांकि आरजू की मौत की गुत्थी भी हत्या और आत्महत्या में उलझ गई है पुलिस इसकी आत्महत्या की छानबीन कर ही रही थी कि पल्लवपुरम में बीएससी के छात्र यश का शव कमरे में पंखे से लटका देख परिजनों के होश उड़ गए। इंचौली थानाक्षेत्र में किसान के युवा बेटे ने खुद की कनपटी पर गोली मारकर मौत चुन ली। पढ़ लिख कर कुछ बेहतर करने की उम्र में आखिर युवा मौत को क्यों चुन रहे हैं यह एक बड़ा सवाल है लेकिन युवाओं में इस तरह आत्महत्याओं का बढ़ना चिंताजनक है। पल्लवपुरम में बीसीए के छात्र यश, इंचौली के सधारनपुर में विपिन और नर्सिंग की छात्रा आरजू की मौत ने लोगों को हिला कर रख दिया।
आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज के एक 23 वर्षीय छात्र ने अपने किराए के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने कहा कि मृतक की पहचान गाजियाबाद जिले के मंडोला लोनी निवासी विनीत के रूप में हुई है। गाजियाबाद जिले के रहने वाले विनीत खरखौदा के चरक आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज में बीएएमएस प्रथम वर्ष का छात्र था। पुलिस ने कहा कि मृतक के पास से सुसाइड नोट मिला है, जिसमें लिखा है, ‘मेरे पिता का निधन हो गया था। कुछ दिन बाद माता का भी निधन हो गया। माता-पिता की मौत से मैं काफी आहत था। मैं पूरी तरह से टूट गया और आत्महत्या कर रहा हूं। मेरी आत्महत्या में किसी का कोई दोष नहीं है।”