Thursday, October 16, 2025
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आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से छात्रों की हिन्दी में होगा सुधार


शारदा न्यूज रिपोर्टर

मेरठ। पूरी दुनिया में विभिन्न क्षेत्रों में तेजी से बढ़ते आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) प्रयोग को लेकर चौधरी चरण सिंह विश्व विद्यालय भी इसका प्रयोग करने जा रहा है। सीसीएसयू ने अपने शिक्षक एवं रिसर्च स्कॉलर को भी यह प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराने की तैयारी कर ली है।

उप्र में रिसर्च पेपर एवं रिसर्च रिपोर्ट में एआई प्लेटफॉर्म करने वाला सीसीएसयू प्रदेश का पहला विवि होगा। यह एआई प्लेटफॉर्म ना केवल रिसर्च पेपर में प्लेगेरिज्म जांचेगा बल्कि हिन्दी और अंग्रेजी भी सुधारेगा। पैराग्राफ छोटा या बड़ा करने की चिंता भी छात्रों को नहीं होगी। एआई सॉफ्टवेयर खुद ही पैराग्राफ को छोटा या बड़ा कर सकेगा। विवि में एआई का यह प्रयोग रिसर्च स्कॉलर के लिए शोध में नई ऊंचाइयां दे सकता है। विवि रिसर्च स्कॉलर और शिक्षकों को उक्त सुविधा क्यूल बोट के जरिए देगा। डिप्टी लाइब्रेरियन डॉ. जमाल अहमद सिद्दीकी के अनुसार यह एकेडमिक राइटिंग प्लेटफॉर्म होगा। डॉ. सिद्दीकी के मुताबिक क्यूल बोट से ग्राफ, वाक्य विन्यास और भाषा सहित अनेक सुविधाएं मिलेंगी। यह सॉफ्टवेयर हिन्दी से अंग्रेजी, अंग्रेजी से हिन्दी में भी अनुवाद कर सकेगा। यदि कोई टॉपिक छोटा रह गया है तो यह सॉफ्टवेयर इसे बढ़ा सकेगा। यदि नियत मानक से ज्यादा टेक्स्ट है तो यह उसे काटते हुए सही करेगा। डॉ. सिद्दीकी के अनुसार इस सॉफ्टवेयर का सबसे ज्यादा फायदा रिसर्च स्कॉलर को होगा और वे शोध लिखते वक्त उसका प्लेगेरिज्म चेक कर सकेंगे। यदि कंटेंट प्लेगेरिज्म के दायरे में मिलता है तो यह सॉफ्टवेयर इसे फिर से लिखते हुए सही करेगा।

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