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जरा सामने आओ छलिये गीत की कहानी

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छलिये गीत की कहानी
Editor Gyan Prakash
ज्ञान प्रकाश, संपादक. शारदा न्यूज़।

बहुत कम लोगों का पता होगा कि 1957 में आई मूवी जन्म जन्म के फेरे का सुपर हिट गीत जरा सामने तो आओ छलिये, छुप छुप छलने में क्या राज है को किन परिस्थितियों में लिखा गया था और इसे किसने लिखा था। इस गीत को मशहूर गीतकार भरत व्यास ने लिखा था।

         इस फिल्म में संगीत एस एन त्रिपाठी ने दिया था। हुआ यह था कि गीतकार भरत व्यास का बेटा अपने पिता से किसी बात पर लडकर घर से चला गया था। पिता भरत व्यास ने अपने बेटे को खोजने की काफी कोशिश की। अखबारों में विज्ञापन भी दिये लेकिन बेटे का कहीं पता नहीं चला। हार थक कर भरत व्यास दुखी होकर घर बैठ गए। इस बीच फिल्म के निर्देशक ने भरत व्यास से गीत लिखने का अनुरोध किया लेकिन बेटे के घर से गायब होने से दुखी भरत व्यास ने गीत लिखने से मना कर दिया। जब उन पर काफी दबाव पडा तो गीत लिखने को राजी हो गए। उन्होंने सुपर हिट गीत जरा सामने तो आओ छलिये, छुप छुप छलने में क्या राज है। इस गीत को मौहम्मद रफी और लता मंगेशकर ने बेहतरीन आवाज दी और गाना 1957 की बिनाका गीतमाला में पूरे साल पहले नंबर पर बजता रहा।

इस गीत के एक पैराग्राफ की पंक्तियों हम तुम्हें चाहे तुम नहीं चाहो, ऐसा कभी नहीं हो सकता, पिता अपने बालक से बिछुड कर सुख से कभी नहीं सो सकता, हमें डरने की जग में क्या बात है, जब हाथ में तिहारे मेरी लाज है। इस गीत ने काफी धूम मचाई थी और भरत व्यास का काफी नाम हुआ था। बाद में भरत व्यास का नाराज बेटा भी लौट कर आ गया। इस गीत के बारे में एक बार निरुपा राय ने कहा था कि जिंदगी की सच्चाई से जुडे इस गीत की शूटिंग भी यादगार रही थी। भारत भूषण ने इस फिल्म में जबरदस्त अभिनय किया था।

 

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