लखनऊ। एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष यात्रा से लौटने के बाद 41 दिन बाद लखनऊ पहुंचे हैं। उनकी पत्नी कामना और 6 साल का बेटा किआश भी साथ है। एयरपोर्ट पर एस्ट्रोनॉट बनकर पहुंचे स्कूली बच्चों ने उनका वेलकम किया। उनका परिवार भी मौजूद रहा। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने शुभांशु को रिसीव किया।
शुभांशु का स्वागत करने के लिए एयरपोर्ट पर हजारों लोग तिरंगा लेकर पहुंचे थे। पूरा एयरपोर्ट ढोल-नगाड़ों और भारत माता की जय के नारों से गूंजता रहा। एयरपोर्ट से वे थार जीप पर सवार हुए। 10 किमी चलने के बाद थार से उतरकर रथ में सवार हो गए। फिर रोड शो करते हुए अपने बचपन के स्कूल पहुंचे। इस दौरान जगह-जगह उनका स्वागत हुआ।
स्कूल में वेलकम कार्यक्रम के दौरान स्टेज पर शुभांशु की मां और बहन को बुलाया गया। वहां पहुंचते ही दोनों इमोशनल हो गईं। मां आशा शुक्ला शुभांशु को गले लगाकर रो पड़ीं। इस दौरान शुभांशु भी भावुक दिखे।
शुभांशु ने कहा कि मैं यहीं बड़ा हुआ हूं। मैं उतना टैलेंटेड नहीं था, जितना आप हो। बस केवल धैर्य चाहिए। दिल्ली में भी मुझे वेलकम मिला, लेकिन लखनऊ जैसा नहीं था। अंतरिक्ष में क्या किया? यह किसी ने मुझसे नहीं पूछा। सभी ने यही पूछा कि आप कैसे एस्ट्रोनॉट बने।
इस दौरान सिटी मॉन्टेसरी स्कूल की चेयरपर्सन ने शुभांशु की पत्नी कामना से पूछा कि पति को क्या देखकर चुना। इस पर वह शरमाने लगीं। इसके बाद शुभांशु ने जवाब देते हु कहा कि मुझे लगता है कि कामना के पास यूनिक टैलेंट है। वह बहुत विजनरी हैं। उन्हें पता रहता है कि कौन-सी चीज आगे चलकर काम करेगी। शुभांशु के इतना कहते ही हॉल तालियों से गूंज उठा। कामना भी हंस पड़ीं। शुभांशु सीएम योगी से भी मिलेंगे। यूपी सरकार ने लोकभवन में उनके सम्मान में कार्यक्रम रखा है।