नाराज व्यापारिओं को देख कमिश्नर ने बुलाई बैठक में लिए निर्णय
मेरठ। सेंट्रल मार्किट में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद गिरायी गई 22 दुकानों को लेकर व्यापारिओं के बवाल और विरोध प्रदर्शन के बाद जनप्रतिनिधिओं ने कमिश्नर के साथ बैठक कर तमाम निर्णय लिए तय किया गया कि अब भविष्य में कोई दुकान नहीं तोड़ी जायगी।
समीक्षा बैठक में अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों द्वारा दिये गये सुझाव के आधार पर बैठक में निर्णय लिया गया किः-
> सेंट्रल मार्केट की शेष दुकानों को वर्तमान में नहीं तोड़ा जाएगा। मास्टर प्लान संशोधन के माध्यम से बाजार स्ट्रीट का दर्जा दिया जाएगा (भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क भुगतान और सेटबैक आवश्यकताओं के अधीन)। आवास एवं विकास परिषव प्रस्ताव 03 दिन में प्रस्तुत करेगा।
> जिन दुकानदारों की इमारतें सर्वोच्च न्यायालय के विशिष्ट आदेशों के तहत ध्वस्त कर दी गई थीं, उन्हें भूमि खाली होने के बाद उसी स्थान पर अस्थायी दुकाने लगाने की अनुमति अधीक्षण अभियन्ता / अधिशासी अभियन्ता, आवास एवं विकास परिषद, मेरठ द्वारा दी जाएगी। सम्बन्धित भूखण्ड के स्वामित्व के विषय में दाखिल – खारिज की प्रक्रिया नवीन मानचित्र की स्वकृति आदि पर प्राथमिकता के आधा पर आवास एवं विकास परिषद द्वारा कार्यवाही की जायेगी।
> नगर निगम द्वारा शास्त्रीनगर योजना के अन्तर्गत निर्माणाधीन व्यवसायिक/नवनिर्मित दुकाने ध्वस्तीकरण से प्रभावित भवन स्वामियों को मूल स्थान प नवनिर्माण होने तक अस्थायी रूप से पट्टे पर दी जाएँगी। दो स्थल हैं, जिनक चयन आंतरिक चर्चा के बाद किया जाएगा। पट्टे की अवधि नगर निगम द्वारा तन की जायेगी।
बैठक में मौजूद
1. अमित अग्रवाल विधायक, मेरठ कैन्ट
2. हरिकान्त अहलूवालिया, महापौर, नगर निगम
3. विवेक रस्तौगी, जिला अध्यक्ष, भाजपा
4. सौरभ गंगवार, नगर आयुक्त, नगर निगम
५। राजीव कुमार, अधीक्षण अभियन्ता, आवास एवं विकास परिषद्
6. आफताब, अधिशासी अभियन्ता, आवास एवं विकास परिषद्।
7. लवी त्रिपाठी, अपर नगर आयुक्त, नगर निगम
8. श्मित कुमार सिंह, अपर आयुक्त, मेरठ मण्डल