एजेंसी, नई दिल्ली। शेयर बाजार में शानदार तेजी के साथ कदमताल करते हुए रुपये ने भी डॉलर के मुकाबले जबरदस्त छलांग लगाई है। मंगलवार को स्टॉक मार्केट में मजबूती और कच्चे तेल की कीमतों के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंचने से रुपया मंगलवार को शुरूआती कारोबार में 39 पैसे की बढ़त के साथ 85.71 प्रति डॉलर पर पहुंच गया।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 85.85 प्रति डॉलर पर मजबूती के साथ खुला और शुरूआती कारोबार में 85.71 रुपये प्रति डॉलर पर पहुंच गया, जो पिछले बंद भाव से 39 पैसे की बढ़त दर्शाता है। रुपया शुक्रवार को 58 पैसे की जोरदार बढ़त के साथ 86.10 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
डॉलर इंडेक्स लगातार हो रहा कमजोर
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ट्रेड वॉर शुरू करने के बाद से डॉलर इंडेक्स में लगातार गिरावट देखी जा रही है। छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 100 से नीचे 99.46 पर ही रहा। फरवरी में डॉलर इंडेक्स 108 पर था। वहीं, जनवरी में डॉलर इंडेक्स रिकॉर्ड हाई 110 पर पहुंच गया था।
क्यों आई रुपये में मजबूती
विदेशी मुद्रा एक्सपर्ट के अनुसार, भारतीय शेयर बाजार से विदेशी निवेशकों द्वारा पैसा निकालने के बावजूद कमजोर अमेरिकी मुद्रा ने रुपये को मजबूत करने काम किया है। रुपये की मजबूती का श्रेय अमेरिकी प्रशासन के भारत पर अतिरिक्त 26 प्रतिशत शुल्क को नौ जुलाई तक टालने को भी दिया है। अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 0.06 प्रतिशत की गिरावट के साथ 64.92 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) शुक्रवार को बिकवाल रहे थे और उन्होंने शुद्ध रूप से 2,519.03 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
रुपये में मजबूती से भारत को आयात करना सस्ता होगा। इससे महंगाई कम करने में मदद मिलेगी। विदेश जाना और पढ़ाई करने का खर्च कम होगा। निवेशकों का भरोसा भारतीय अर्थव्यव्स्था पर बढ़ेगा।