Saturday, July 5, 2025
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राहुल गांधी ने अमेरिकी टैरिफ को लेकर केंद्र सरकार पर साधा निशाना, जानिए क्या बोले…

  • कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अमेरिकी टैरिफ को लेकर केंद्र सरकार पर साधा निशाना
  • ‘पीयूष गोयल जितना सीना ठोक लें, ट्रंप के टैरिफ के आगे झुकेंगे PM मोदी… मेरी बात नोट कर लें’, बोले राहुल गांधी

एजेंसी, नई दिल्ली। विपक्ष के नेता राहुल गांधी कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका के साथ व्यापार समझौते पर बने गतिरोध के बीच तय समय सीमा के आगे झुक जाएंगे। ट्रंप की ओर से टैरिफ लागू करने को लेकर बढ़ाई गई समयसीमा खत्म हो रही है। दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते को लेकर अभी कोई बात नहीं बन पाई है। ऐसे में राहुल गांधी ने अमेरिका के रेसिप्रोकल टैरिफ लागू करने को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका के साथ व्यापार समझौते पर बने गतिरोध के बीच तय समय सीमा के आगे झुक जाएंगे।

बता दें कि अमेरिका ने भारत के लिए 26 प्रतिशत टैरिफ लागू करने की बात कही थी। इसके बाद समझौते को लेकर इसे 90 दिनों के लिए टाल दिया गया था। वो समय सीमा अब पूरी होने वाली है।

पीयूष गोयल के बयान के बाद आई राहुल गांधी की प्रतिक्रिया

राहुल गांधी की यह प्रतिक्रिया केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के उस बयान के बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत अमेरिका के साथ तभी व्यापार समझौता करेग जब उसके हितों की रक्षा होगी। अब डोनाल्ड ट्रम्प के रेसिप्रोकल टैरिफ लागू होने में सिर्फ तीन दिन बाकी हैं. ऐसे समय विपक्ष के नेता कांग्रेस सांसद राहुल गांधी का बयान आया है।

9 जुलाई को खत्म हो जाएगी व्यापार समझौते समय सीमा

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार भारत और अमेरिका के बीच अंतरिम व्यापार समझौते पर 9 जुलाई से पहले हस्ताक्षर होने की संभावना है 9 जुलाई इस समझौते को लेकर दी गई अंतिम समयसीमा थी।

लोकसभा में विपक्ष के नेता ने ट्वीट किया है – पीयूष गोयल चाहे कितना भी अपनी छाती पीट लें। लेकिन, मेरे शब्दों पर ध्यान दीजिएगा, मोदी ट्रंप की टैरिफ समयसीमा के आगे झुक जाएंगे।

ट्रंप ने भारत को बताया था टैरिफ किंग

डोनाल्ड ट्रंप ने कभी भारत को टैरिफ का बड़ा दुरुपयोग करने वाला और ‘टैरिफ किंग’कहा था। ट्रंप ने 2 अप्रैल को पर पारस्परिक टैरिफ के तहत भारतीय उत्पादों पर 26% शुल्क लगाने की घोषणा की थी। अमेरिकी राष्ट्रपति ने बाद में टैरिफ लागू करने की समय सीमा को 90 दिनों के लिए आगे बढ़ा दिया था। ताकि, दूसरे देशों को अमेरिका के साथ समझौता करने का मौका मिल जाए।

कृषि उत्पादों पर टैरिफ कम नहीं करने का भारत ने किया है फैसला

एक प्रमुख मुद्दा यह है कि भारत ने मक्का और सोयाबीन जैसे अमेरिकी कृषि आयातों पर टैरिफ कम नहीं करने का कड़ा रुख अपनाया है। भारत में 80 मिलियन से अधिक लोगों को रोजगार देने वाले डेयरी क्षेत्र में ट्रम्प प्रशासन ने व्यापक पहुंच की मांग की थी। यह भी विवाद का मुद्दा रहा है।

दूसरी ओर, भारत ने कपड़ा, रत्न एवं आभूषण, चमड़े के सामान और रसायन सहित अमेरिकी श्रम-प्रधान उद्योगों तक अपनी ज्यादा पहुंच की मांग की है। विशेष सचिव राजेश अग्रवाल के नेतृत्व में भारत के डेलीगेट ने चर्चा के लिए वाशिंगटन में तय समय से अधिर दिनों तक रुके रहे फिर यह मुद्दा हल नहीं हो पाया है।

डेयरी क्षेत्र में समझौता नहीं करने पर अड़ा भारत

दिल्ली में एक व्यापारिक कार्यक्रम में बोलते हुए गोयल ने इस बात पर जोर दिया कि भारत कृषि और डेयरी क्षेत्र के हितों से समझौता नहीं करेगा। गोयल ने कहा कि भारत कभी भी समय सीमा या समय के दबाव के आधार पर व्यापार सौदे नहीं करता है।

यह दोनों पक्षों के लिए लाभ वाला समझौता होना चाहिए। जिसमें भारत के हितों की रक्षा होती हो. तभी यह एक अच्छा व्यापार समझौता हो सकता है। ऐसा होता है तो भारत हमेशा विकसित देशों के साथ जुड़ने के लिए तैयार है।

 

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