लखनऊ: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने पिछड़े समाज से माफी मांगते हुए, यह स्वीकार किया कि कांग्रेस और उन्होंने व्यक्तिगत रूप से पिछड़े वर्गों के लिए उतना काम नहीं किया जितना किया जाना चाहिए था। उन्होंने इसे अपनी गलती बताया है। इस मुद्दे पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष द्वारा यह स्वीकार करना कि पिछड़े समाज को उनका हक दिलाने में कांग्रेस खरी नहीं उतरी, यह कोई नई बात नहीं है, बल्कि यह दिल में कुछ और जुबान पर कुछ और जैसी स्वार्थ की राजनीति ज्यादा लगती है।
बसपा मुखिया मायावती ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष द्वारा यह स्वीकार करना कि देश के विशाल आबादी वाले अन्य पिछड़े वर्ग (ओबीसी) समाज के लोगों की राजनीतिक व आर्थिक आशा, आकांक्षा व आरक्षण सहित उन्हें उनका संवैधानिक हक दिलाने के मामलों में कांग्रेस पार्टी खरी व विश्वासपात्र नहीं रही है कोई नई बात नहीं है, बल्कि यह दिल में कुछ व जुबान पर कुछ और जैसी स्वार्थ की राजनीति ज्यादा लगती है।
वास्तव में उनका यह बयान उसी तरह से जगजाहिर है जैसा कि देश के करोड़ों शोषित, वंचित व उपेक्षित एससी/एसटी समाज के प्रति कांग्रेस पार्टी का ऐसा ही दुखद व दुर्भाग्यपूर्ण रवैया लगातार रहा है और जिस कारण ही इन वर्गों के लोगों को फिर अन्तत: अपने आत्म-सम्मान व स्वाभिमान तथा अपने पैरों पर खड़े होने की ललक के कारण अलग से अपनी पार्टी बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) यहां बनानी पड़ी है।