Wednesday, July 16, 2025
HomeHealth newsझाड़ फूंक से नहीं वैक्सीन से बचाव करें रैबीज से

झाड़ फूंक से नहीं वैक्सीन से बचाव करें रैबीज से

  • मेडिकल के डॉक्टरों ने बताये रैबीज से बचाव के उपाय।

शारदा रिपोर्टर मेरठ। लाला लाजपत राय स्मारक मेडिकल कॉलेज, मेरठ के मेडिसिन विभाग में विभागाध्यक्ष डॉ. योगिता सिंह एवं सह-आचार्य, डॉ. स्नेहलता वर्मा (रेबीज इंचार्ज) के निर्देशन में रेबीज विषय पर एक विशेष संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य मेडिकल छात्रों, फैकल्टी एवं आम जनता में रेबीज के प्रति जागरूकता बढ़ाना और रोकथाम की सही रणनीति समझाना था।

संगोष्ठी में मुख्य व्याख्यान डॉ. राहुल द्वारा दिया गया जिन्होंने रेबीज पर विस्तार से प्रकाश डाला। कार्यक्रम में डॉ. राहुल ने बताया कि रेबीज एक घातक लेकिन पूरी तरह से रोके जाने योग्य वायरल बीमारी है, जो मुख्य रूप से संक्रमित कुत्तों के काटने से फैलती है।

उन्होंने इसके शुरूआती लक्षणों — जैसे बुखार, घाव पर झुनझुनी या जलन — और आगे चलकर गंभीर लक्षणों जैसे हाइड्रोफोबिया (जल से डर), भ्रम, पक्षाघात आदि पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने घाव की तुरंत सफाई और समय पर वैक्सीन एवं इम्यून ग्लोब्युलिन देने की आवश्यकता पर विशेष जोर दिया। संगोष्ठी में उपस्थित विभिन्न संकाय सदस्यों ने भी अपने-अपने विचार और महत्वपूर्ण सुझाव साझा किए।

सभी ने इस बात पर बल दिया कि रेबीज से बचाव के लिए समाज में जागरूकता, पालतू जानवरों का नियमित टीकाकरण और प्राथमिक स्तर पर सही प्रबंधन की जानकारी अत्यंत आवश्यक है।

कार्यक्रम के अंत में, विभागाध्यक्ष डॉ. योगिता सिंह ने अपने महत्वपूर्ण बिंदु साझा किए। उन्होंने कहा कि रेबीज पूरी तरह से रोकथाम योग्य बीमारी है और घाव को तुरंत साफ करना, समय पर वैक्सीन व इम्यून ग्लोब्युलिन का उपयोग, पालतू जानवरों का नियमित टीकाकरण तथा बच्चों में जागरूकता बढ़ाना अत्यंत आवश्यक है और लोगों को झाड़-फूँक व देसी उपचारों से बचते हुए तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। डॉ. योगिता सिंह ने सभी विद्यार्थियों और चिकित्सा कर्मियों से आग्रह किया कि वे इस विषय पर आम जनता में भी जागरूकता फैलाएं।

कार्यक्रम में उपस्थित सभी वरिष्ठ चिकित्सकों एवं प्राचार्य महोदय ने संगोष्ठी की सराहना की और इसे छात्रों एवं चिकित्सकों के लिए अत्यंत ज्ञानवर्धक और व्यवहारिक बताया। विद्यार्थियों ने प्रश्नोत्तर सत्र में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, जिससे उनका उत्साह देखते ही बनता था। कार्यक्रम में मेडिसिन विभाग के आचार्य डॉ. अरविंद कुमार, डॉ. संध्या गौतम, डॉ. ज्ञानेंद्र सिंह एवं डॉ. रचना सेमवाल आदि रहे।

 

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Recent Comments