Friday, July 18, 2025
HomeJammu and Kashmir Newsजम्मू-कश्मीर की बर्बादी के लिए तीन खानदान जिम्मेदार: पीएम मोदी

जम्मू-कश्मीर की बर्बादी के लिए तीन खानदान जिम्मेदार: पीएम मोदी

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में रैली को संबोधित किया।

एजेंसी, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव में आज गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में रैली को संबोधित किया है और पार्टी के प्रत्याशियों के लिए वोट मांगे।

पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरूआत कश्मीरी भाषा में की। उन्होंने कहा कि हम सब का मकसद जम्मू कश्मीर की तेज तरक्की है। तेज तरक्की का जज्बा और बुलंद करने के पैगाम के साथ मैं आपके बीच में आया हूं। पीएम मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में जम्हूरियत का त्योहार चल रहा है। पहली बार दहशतगर्दी के साए के बिना राज्य में वोटिंग हुई है। हम सभी के लिए ये खुशी और गर्व की बात है कि इतनी बड़ा तादाद में लोग वोटिंग लिए घरों से बाहर निकले।

किश्तवाड़ में 80 फीसदी से ज्यादा वोटिंग, डोडा में 71 प्रतिशत से ज्यादा वोटिंग। ये नया इतिहास बना है। ये जनता ने रचा है।

पीएम मोदी ने कहा कि कुच दिन पहले जब जम्मू-कश्मीर आया था तो कहा था कि यहां की बबार्दी के लिए तीन खानदान जिम्मेदार हैं। तब से दिल्ली से लेकर कश्मीर तक ये लोग बोखलाए हुए हैं। तीन खानदानों को लगता है कि इनपर कोई कैसे सवाल उठा सकता है।
इन्हें लगता है जैसे तैसे कुर्सी पर कब्जा करना और लोगों को लूटना इनका पैदायशी हक है। जम्मू कश्मीर की आवाम को जायज हक से अलग रखना ही इनका सियासी एजेंडा रहा है। इन्होंने जम्मू कश्मीर को केवल डर और अराजकता ही दी है। पीएम मोदी ने कहा कि इन तीन खानदानों के राज में जम्मू कश्मीर के नौजवानों ने जो भोगा है जो तकलीफ सही वो अक्सर बाहर नहीं पाती है।

पीएम मोदी ने कहा कि आज वादी में जो नौजवाल 30 साल का है उनमें से कई पढ़ाई लिखाई से महरूम रह गए। बहुत लोग ऐसे हैं जिन्हें 10वीं-12वीं या कलेज पहुंचने में देश के बाकी बच्चों से देर लगी। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि कांग्रेस, एनसी और पीडीपी के तीन खानदान फेल हुए है। इन्होंने दशकों तक नफरत का सामान बेचा। कश्मीर में जो स्कूल जलाए गए वो आग भी इनके नफरत के बाजार में बिकती थी।

इन्होंने नए स्कूल नहीं बनाए लेकिन स्कूल को आग के हवाले करने वालों को शह देते थे. जो स्कूल कॉलेज बच गए वहां भी कई महीनों तक पढाई नहीं हो पाती थी। हमारे नौजवान पढ़ाई से दूर थे और ये तीन खानदान उनके हाथों में पत्थर थमा कर महफूज रहते थे। इन्होंने अपने फायदे के लिए हमारे बच्चों का भविष्य बर्बाद किया है।

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