– शनिवार को किया गया साफ-सफाई का कार्य, प्रतिमाओं को भी धोया गया
शारदा रिपोर्टर मेरठ। मेला नौचंदी को लेकर प्रशासन कितना गंभीर है। इसका उदाहरण साफ नजर आ रहा है। परंपरा के अनुसार नौचंदी मेला होली के बाद पड़ने वाले दूसरे रविवार से शुरू होता है। लेकिन इस बार मेला नौचंदी को लेकर बैठक ही पहला रविवार बीतने के बाद बुलाई गई और मेला तैयारी की बाबत आज से सफाई शुरू हुई है। जबकि कल मान्यता के अनुसार मेले का उद्घाटन होना है।
नगर निगम द्वारा नौचंदी मेले की तैयारी आज तेज हो गई है। शनिवार को मेला स्थल पर साफ सफाई का कार्य शुरू हो गया। इस दौरान कर्मचारियों ने मेला स्थल पर मौजूद प्रतिमाओं को साफ किया। साथ ही पथ प्रकाश की व्यवस्था को भी दुरुस्त किया गया। गौरतलब है कि, मेले को प्रदेश सरकार ने प्रांतीय मेला घोषित करने के बाद जिला प्रशासन द्वारा इस वर्ष कार्यदायी एजेंसी के रूप में नगर निगम को मेला आयोजन की जिम्मेदारी दी गई है।
नौचंदी मेले को एकता का प्रतीक माना जाता है। क्योंकि नवचंडी मंदिर के नाम पर इस मेले का आयोजन किया जाता है। उसके ही सामने बाले मियां की मजार भी है। दोनों ही धर्म के लोग एक दूसरे के स्थान पर जाकर पूजा करते हैं। गौरतलब है कि, नौचंदी मेले का उद्घाटन होली से दूसरे रविवार को कर दिया जाता है। मेरठ जिला प्रशासन व नगर निगम द्वारा मेले को भव्य बनाने की तैयारियां तीव्र गति से की जा रही हैं। जिससे कि जो भी दर्शक मेला घूमने आए ना किसी भी प्रकार की परेशानी न हो। मेरठ में ऐतिहासिक नौचंदी मेले की तैयारियां जोरों पर हैं।
बता दें कि, जिलाधिकारी डॉ वीके सिंह की अध्यक्षता में मेला कमेटी की बैठक आयोजित की गई थी। इस दौरान डीएम डा वीके सिंह ने कहा कि नौचंदी मेला मेरठ की शान और पहचान है। इसलिए हर बार की तरह इस बार भी ऐतिहासिक नौचंदी मेले को पूरी दुनिया में एक नई पहचान मिले। दरअसल, मेले की तैयारियों को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इनमें दुकानों का आवंटन, बिजली व्यवस्था, सफाई, वाहन पार्किंग और सुरक्षा प्रबंध शामिल हैं। जिलाधिकारी ने सभी समितियों को पारदर्शी तरीके से काम करने के निर्देश दिए।
गंदगी के बीच होगा मेला उद्घाटन?
मेला नौचंदी यूं तो अब सिर्फ औपचारिकता बनकर रह गया है। क्योंकि मेला अब पूरी तरह व्यवसायिकता की भेंट चढ़ गया है। कभी होली के दूसरे रविवार से शुरू होने वाला मेला अब पिछले एक दशक से बहुत देर से शुरू होता है। सिर्फ मेले का उद्घाटन ही दूसरे रविवार को कर दिया जाता है। इसके बाद एक माह के भीतर ही मेला शुरू हो पाता है।
मेले को लेकर प्रशासन उदासीन
नौचंदी मेले को भले ही ऐतिहासिक और सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक कहा जाता हो। लेकिन इस मेले को लेकर अब आयोजकों में पहले जैसा जोश नजर नहीं आता है। यह इसी से पता चलता है कि सबको पता है कि मेले का उद्Þघाटन इस बार 23 मार्च यानि होली के दूसरे रविवार को होना है। लेकिन प्रशासन द्वारा मेला तैयारी के संबंध में 19 मार्च को बैठक बुलाई गई। इससे साफ है कि मेला आयोजन को लेकर प्रशासन कितना गंभीर है।