– पुलिस ने अज्ञात में अंतिम संस्कार किया, दोस्त की पत्नी से संबंध थे, छह दिन बाद खुला केस।
प्रयागराज। पूर्व जिला पंचायत सदस्य रणधीर यादव की हत्या कर दी गई। वह 22 अगस्त से लापता थे। 22 अगस्त को ही उनकी हत्या की गई थी। इसके बाद लाश को 8 टुकड़ों में काटकर पूरामुफ्ती में रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया गया था। यहां पुलिस ने लाश का अज्ञात में पंचनामा किया। फिर शिनाख्त होने का इंतजार करने के बाद तीसरे दिन (72 घंटे बाद) बॉडी अज्ञात में डिस्पोज आॅफ कर दी गई थी। वहीं, पुलिस की टीमें 27 अगस्त तक भाजपा नेता रणधीर यादव को चित्रकूट में ढूंढती रही।
गुरुवार को जब पुलिस ने रणधीर यादव के दोस्त राम सिंह को पकड़ा, तो उसने पूरी बात कबूल की। उसने 22 अगस्त को ही हत्या करके लाश प्रयागराज के पूरामुफ्ती इलाके में फेंकने की बात बताई। इसके बाद पुलिस अफसरों के भी होश उड़ गए हैं।
डीसीपी गंगानगर कुलदीप गुणावत ने गुरुवार शाम को बताया कि पुलिस को आठ टुकड़ों में लाश मिली थी। उसकी शिनाख्त की गुंजाइश नहीं बची थी। रणधीर सिंह यादव की हत्या अवैध संबंधों के चलते की गई है। रणधीर के मुख्य आरोपी डॉ. उदय की पत्नी से अवैध संबंध थे। इस मामले में राम सिंह यादव और डॉ. उदय की सास लीला यादव को गिरफ्तार किया गया है। डॉ. उदय की तलाश में टीमें छापेमारी कर रही हैं।
आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि स्कॉर्पियो में ही रणधीर के सिर पर हमला करने के बाद गला दबाकर मार दिया था। इसके बाद लाश को ट्रेन के आगे रख दिया था। जिससे सब कुछ खत्म हो जाए और लाश की शिनाख्त न होने पाए। 24 अगस्त को पूर्व जिला पंचायत सदस्य की स्कॉर्पियो चित्रकूट के जंगल में मिली थी। 23 अगस्त को उनकी पत्नी ने राम सिंह समेत 2 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया था।
प्रयागराज से पूर्व जिला पंचायत सदस्य और भाजपा नेता रणधीर यादव मोहम्मदपुर हथिगंहा के रहने वाले थे। उनके पिता राम अभिलाष यादव सूबेदार रह चुके हैं। पत्नी बबली यादव वर्तमान में जिला पंचायत सदस्य हैं। 22 अगस्त (शुक्रवार) की रात रणधीर यादव नवाबगंज बाजार में एक ढाबे पर देखे गए थे। उसके बाद से वह लापता हो गए थे। तभी से उनका मोबाइल फोन भी स्विच आॅफ था। रणधीर यादव की तलाश के दौरान पुलिस को पता चला था कि उनका जानने वाला राम सिंह भी लापता है। राम सिंह पीडल्यूडी का कर्मचारी है।
प्रयागराज पुलिस जांच में जुटी थी। 24 अगस्त को रणधीर यादव की स्कॉर्पियो चित्रकूट के देवांगना के पास लावारिस हालत में मिली थी। स्कॉर्पियो से नंबर प्लेट गायब थी, लेकिन कागजात मिल गए थे। प्रयागराज के एसीपी वरुण कुमार के नेतृत्व में 2 टीमें चित्रकूट पुलिस के साथ जंगल में सर्च आॅपरेशन चला रही थीं।
अपहरण के इस सनसनीखेज मामले में अवैध संबंधों की कहानी सामने आ रही थी। पूछताछ, कॉल डिटेल, सोशल मीडिया अकाउंट और सर्विलांस से जो जांच हुई, उससे भाजपा नेता के एक महिला से करीबी रिश्तों की बात पता चली थी। इसी को लेकर जांच आगे बढ़ रही थी।
जिला पंचायत सदस्य बबली यादव ने पति रणधीर यादव के अपहरण की एफआईआर कराते हुए दो लोगों को नामजद किया था। इसमें एक नाम राम सिंह और दूसरा डॉ. उदय (कंपाउंडर) का था। शक की सुई इन्हीं दोनों पर थी।
दरअसल, करीब एक महीना पहले डॉ. उदय की पत्नी की मौत हो गई थी। कहा जा रहा है कि उसने सुसाइड कर लिया था। हालांकि, शव का पोस्टमॉर्टम नहीं कराया गया था। तब भाजपा नेता रणधीर यादव और उसके दोस्त डॉ. उदय के बीच तकरार हुई थी। सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने उदय की पत्नी की मौत को लेकर रणधीर यादव पर टिप्पणी भी की थी। जांच से ये बात साफ हो रही थी कि डॉ. उदय ने अपने करीबी राम सिंह के साथ मिलकर रणधीर को अगवा कर लिया था।
पुलिस ने रणधीर यादव और राम सिंह के मोबाइल की लोकेशन ट्रेस की थी। डिटेल निकाली तो कुछ अहम जानकारी सामने आई थी। राम सिंह की लास्ट लोकेशन चित्रकूट में मिली थी, जबकि रणधीर यादव की लास्ट लोकेशन फाफामऊ (प्रयागराज) थी।

