- एनजीटी के आदेश से नगर निगम पर पांच करोड़ का जुमार्ना।
- नगर निगम की विफलता पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सख्त।
शारदा रिपोर्टर
मेरठ। शहर में डंपिंग ग्राउंड बनाने के बाद भी जगह जगह कूड़ा पड़ा होने से शहर में फैल रहे प्रदूषण को लेकर आरटीआई कार्यकर्ता लोकेश खुराना ने साल 2023 में एनजीटी में याचिका दायर की थी। एनजीटी ने इस मामले में प्रदूषण विभाग को नगर निगम पर जुर्माना लगाने के आदेश दिए। कार्रवाई करते हुए प्रदूषण विभाग ने नगर निगम पर पांच करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया।
साल 2023 में लोकेश खुराना ने एनजीटी में याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि शहर में दो स्थानों पर डंपिंग ग्राउंउ बनाए गए है, लेकिन इसके बाद भी शहर में विभिन्न स्थानों पर कूड़ा पड़ा रहता है। कूड़े का निस्तारण न होने के कारण शहर की हवा प्रदूषित हो रही है। कई स्थानों पर कूड़े में आग लगा दिए जाने के कारण हवा की गुणवत्ता खराब हो रही है।
एनजीटी में याचिका दायर होने पर एनजीटी ने इस पर सुनवाई की और मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रदूषण विभाग को कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए। आदेश मिलने पर प्रदूषण विभाग ने नगर निगम पर पांच करोड़ का जुर्माना लगाया और उन्हें लिखित रूप में जानकारी भेजी। शहर में लोहिया नगर व गांवड़ी में कूड़ा निस्तारण केंद्र बनाए गए है, लेकिन कूड़े का निस्तारण इसके बाद भी नहीं हो पा रहा है।
नोटिस भेजा, कमेटी बनाई फिर भी नहीं हुआ समाधान: एनजीटी में याचिका दायर करने के बाद इसको लेकर जिला स्तर पर कमेटी का गठन किया गया, जिसने एनजीटी में जवाब दाखिल किया। इसके बाद दोबारा से एक कमेटी बनाई गई, जिसमें एक इंस्टीट्यूट के अधिकारी व अन्य प्रशासनिक अधिकारी शामिल हुए और जवाब दाखिल किया गया। जवाब देने के बाद आरटीआई कार्यकर्ता ने भी अपना जवाब दाखिल किया, जिस पर एनजीटी ने दोबारा हाईलेवल कमेटी बनाकर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए। हाई लेवल कमेटी के जवाब से भी एनजीटी संतुष्ट नहीं हुआ और उन्होंने प्रदूषण विभाग को जुर्माना लगाने के आदेश जारी किए। प्रदूषण विभाग ने भी इसको लेकर नगर निगम को नोटिस जारी किए थे, लेकिन साल भर में भी नगर निगम की ओर से कूड़ा निस्तारण को लेकर कोई उचित कदम नहीं उठाया गया।
एनजीटी के आदेश प्राप्त हुए है। आदेश पर नगर निगम पर कूड़ा निस्तारण में लापरवाही बरतने पर पांच करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। नगर निगम को नोटिस भेज दिया गया है। एनजीटी और अधिकारियों के निर्देश पर कार्रवाई की गई। – भुवन प्रकाश यादव, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी मोदीपुरम