– लॉरेंस बिश्नोई के गुर्गे राजू व माधव की गिरफ्तारी के बाद सक्रिय हुई टीम
शारदा रिपोर्टर मेरठ। कारोबारी से कॉल कर पांच करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने वाले लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के सक्रिय गुर्गे राजू के खिलाफ राजस्थान पुलिस ने और कानूनी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। वहीं, फरार आरोपियों की कुंडली खंगाली जा रही है। पाबूबारी नयाशहर बीकानेर निवासी माधव पारीक के पकड़े जाने के बाद जांच टीम और सक्रिय हो गई है। श्रीडूंगरगढ़ थाने के प्रभारी ने बताया कि लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के सदस्य कोलकाता और सिलीगुड़ी बंगाल और वेस्ट यूपी में फरार रहकर पुलिस के लिए सिरदर्द बन चुके हैं। पता चला है कि गिरोह के सदस्य राहुल और महेंद्र ने गाजियाबाद से फर्जी पासपोर्ट बनवाए। उसके बाद कंकरखेड़ा मेरठ से राजू वैध को गिरफ्तार किया गया। दरअसल, चार अप्रैल को रोहित गोदारा ने श्रीडूंगरगढ़ के मोमासर बास निवासी व्यापारी जुगल तावणिया से कॉल कर पांच करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी थी।
बंगाल के सिलीगुड़ी में उनका कारोबार है। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की थी। विवेचना बीकानेर की एसपी तेजस्वनी गौतम को सौंपी गई। उनका कहना है कि रंगदारी वसूलने के लिए रोहित गोदारा ने राहुल पुत्र चेतन लाल और महेंद्र कुमार पुत्र खजोहर लाल निवासी डूंगरगढ़ बीकानेर को तैयार किया था। इसी बीच, ये आरोपी मेरठ के कंकरखेड़ा से फर्जी पासपोर्ट तैयार कराकर दुबई भाग गए। वहां रोहित ने ही दोनों को संरक्षण दिया था। पुलिस ने एयरपोर्ट अथॉरिटी को पत्र भेजकर दोनों आरोपियों की कुंडली खंगालनी शुरू कर दी। रोहित ने ही दोनों आरोपी को अपने पास बुलाया था।
पुलिस ने आंख मूंदकर लगाई रिपोर्ट
कंकरखेड़ा पुलिस ने पासपोर्ट के सत्यापन में लापरवाही बरती है। दरअसल बीकानेर पुलिस दोनों आरोपियों की तलाश में दबिश देती रही, जबकि इधर कंकरखेड़ा पुलिस ने दोनों के पासपोर्ट सत्यापन की आंख मूंदकर रिपोर्ट लगा दी। नतीजा यह हुआ कि दोनों के पासपोर्ट बन गए और वे दुबई भाग गए। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि मेरठ के किन लोगों ने राजू की राहुल कुमार और महेंद्र कुमार से मुलाकात कराई। वहीं, बिना सत्यापन के पासपोर्ट की रिपोर्ट लगाने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है।