- टीपी नगर इलाके की आधा दर्जन कॉलोनियों में जलभराव और गंदगी,
- दो लाख आबादी नर्कीय जीवन जीने को मजबूर,
- गंदगी का अंबार परोस रहा बीमारियां।
शारदा न्यूज, मेरठ। स्मार्ट सिटी का दर्जा हासिल करने की दौड़ में शामिल मेरठ के कई इलाके किसी नर्क से कम नहीं हैं। इन इलाकों में रहने वाली बड़ी आबादी नरकीय जीने को मजबूर हैं। जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा है तो सड़कों पर भरा नालियों का पानी बीमारियां परोस रहा है। स्थानीय जनता नगर निगम के आला अधिकारियों से हालात सुधारने के लिए कदम उठाने की मांग कर चुकी है लेकिन निगम के अधिकारी है जिनके कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है।
टीपी नगर इलाके में स्थित अरिहंत प्रकाशन के सामने देव कुंज, संत विहार, बसंत कुंज, रघूकुल विहार, गुप्ता कॉलोनी व अंबेडकर चौक में रहने वाली करीब ढाई लाख की आबादी है जो पिछले छह साल से नरकीय जीवन जीने को मजबूर है।
– पूर्व विधायक समेत कई गणमान्य लोगों का है निवास
टीपी नगर की कई कॉलोनियों में गंदगी का ढेर लगा है। नालियों का गंदा पानी सड़कों पर भरा रहता है। बदबू की वजह से सांस लेना दुश्वार हो रहा है। यह हालात तब है जब यहां पूर्व भाजपा विधायक शशि मित्तल समेत कई गणमान्य लोगों का निवास स्थान है। पूर्व कैंट विधायक सत्य प्रकाश अग्रवाल का भी निवास इसी इलाके के शंभू नगर में है। लेकिन कभी इन जनप्रतिनिधियों ने अपने इलाके में ही रहने वाली जनता की सुध नहीं ली।
– नगर निगम से शिकायत के बाद भी सुनवाई नहीं
शारदा न्यूज संवाददाता ने जब जमीनी हकीकत जानने के लिए इलाके का दौरा किया तो चौकाने वाली सच्चाई समाने आई। इलाके के गुजराती बहुल मोहल्ले में दर्जन भर से अधिक लोग बुखार से ग्रसित पाए गए। इनमें से बड़ी संख्या में मरीजों में डेंगू के लक्षण पाए गए। स्थानीय लोगो ने बताया निगम के अधिकारियों को कई बार लिखित में शिकायत की गई लेकिन किसी ने कोई सुध नहीं ली। स्थानीय पार्षद पूनम गुप्ता केवल निगम चुनावों के दौरान वोट हासिल करने के लिए जरूर आई लेकिन इसके बाद उन्होंने भी कभी इस इलाके में रहने वाली जनता की समस्याओं को जानने की कोशिश नहीं की।
“टीपी नगर इलाके में कई बार निगम की ओर से अभियान चलाया गया है। जेसीबी लगाकर भी नालों-नालियो की सफाई कराई गई है। अब जल्दी ही नगर निगम के टेंडर डाले जाएंगे जिसके बाद यहां सफाई का ठेका छोड़ जाएगा।” – डा0 हरपाल सैनी, कार्यकारी नगर स्वास्थ्य अधिकारी, नगर निगम मेरठ।
नगर निगम के अधिकारी के गोलमोल जवाब से यह साफ हो रहा है कि टीपी नगर इलाके के हालातो को लेकर निगम कितना लापरवाह है। अधिकारी कह रहे है कुछ दिन में टेंडर छोड़े जाएंगे जबकि यहां के हालात पिछले छह साल से जस के तस बने हुए है। ऐसे में स्थानीय जनता की समस्या का समाधान कैसे होगा यह बड़ा सवाल है।