Friday, August 1, 2025
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शौचालय के आभाव में रेलवे लाइन पार करने को मजबूर यात्री, हादसे को न्यौता

  • रेलवे ट्रैक पार करते समय एक ही परिवार के तीन लोग गवां चुके है जान।
  • रोजाना लगभग साढ़े सोलह हजार यात्रियों का रहता है दबाव।
  • सिटी रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या एक व पांच पर है शौचालय।
  • हर घर शौचालय का नारा, रेलवे स्टेशन पर शौचालय का आभाव।

प्रेमशंकर, मेरठ। रविवार देर शाम कैंट रेलवे स्टेशन से ठीक पहले कासमपुर क्रासिंग पर एक ही परिवार के तीन लोगों की वंदे भारत ट्रेन की चपेट मे आने से दर्दनाक मौत हो चुकी है। इस घटना में जीआरपी और प्रत्यक्षदर्शियों ने परिवार के मुखिया की लापरवाही पाई है। फाटक बंद होने के बाद भी परिवार का मुखिया अपनी दो बेटियों को तीन पहियों के ठेले पर बैठाकर रेल लाइन पार कर रहा था। इसी समय हादसा हो गया जिसमें बच्चियों की मां समेत तीन लोगों की जान चली गई। लेकिन सिटी रेलवे स्टेशन पर यात्री शौचालय के आभाव में मजबूरीवश रेलवे ट्रैक पार कर रहें हैं।

एक नंबर प्लेटफार्म पर बना शौचालय
एक नंबर प्लेटफार्म पर बना शौचालय

 

– पांच प्लेटफार्म शौचालय केवल दो

सिटी रेलवे स्टेशन पर कुल पांच प्लेटफार्म है जिनमें से केवल एक नंबर प्लेटफार्म पर ही जनसुविधाओं के नाम पर एक शौचालय मौजूद है। जबकि एक शौचालय प्लेटफटे्र्म संख्या पांच पर है जो गंदगी से अटा पड़ा है। ऐसे में प्लेटफार्म संख्या दो व तीन के यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। यात्रियों को शौच के लिए प्लेटफार्म नंबर एक पर आना पड़ता है। जबकि फुटओवर ब्रिज दूर होने की वजह से यात्री रेलवे लाइनों को पार कर प्लेटफार्म एक पर आते है।

प्लेटफार्म नंबर पांच पर बदहाल शौचालय
प्लेटफार्म नंबर पांच पर बदहाल शौचालय

 

– छह दर्जन ट्रेने रोज गुजरती है सिटी स्टेशन से

मेरठ सिटी जंक्शन स्टेशन है ऐसे में यहां से रोजाना छह दर्जन ट्रेनों का आवागमन होता है। इन ट्रेनों से यात्रा करने वाले करीब साढ़े सोलह हजार यात्री रोजाना सिटी स्टेशन पहुंचते है जिनमें दैनिक यात्रियों की संख्या ही दस से बारह हजार के लगभग है।

“सिटी स्टेशन पर रोजाना करीब सोलह हजार यात्रियों का आवागमन रहता है। जबकि अप और डाउन लाइनों पर करीब 72 ट्रेनें रोज यहां से होकर गुजरती है। यह बात सही है कि केवल एक नंबर प्लेटफार्म पर ही शौचालय की सुविधा है। इस वजह से प्लेटफार्म संख्या दो व तीन के यात्रियों को एक नंबर प्लेटफार्म पर आना पड़ता है। इसके लिए प्लेटफार्म दो व तीन पर दोनों ओर फुटओवर ब्रिज है। यात्रियों को इनका इस्तेमाल करना चाहिए। अब वह खुद ही कानून तोड़ते है तो हम क्या कर सकते है।”
– आरपी सिंह, सुप्रिटेडेंट सिटी रेलवे स्टेशन, मेरठ।

 

 

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