शारदा रिपोर्टर मेरठ। मेरठ कैंट बोर्ड के सिविल एरिया का अब नया प्रस्ताव बनेगा। नए प्रस्ताव में सांसद, विधायक और अन्य जनप्रतिनिधियों के सुझावों को शामिल किया जाएगा। आवश्यकता हुई तो जनप्रतिनिधियों की बैठक होगी। नगर विकास विभाग के विशेष सचिव और सिविल एरिया को लेकर शासन के नोडल अधिकारी सत्यप्रकाश पटेल ने वीडियोकांफ्रेंसिंग से मेरठ, फतेहगढ़, शाहजहांपुर और बबीना कैंट के सिविल एरिया को लेकर समीक्षा की।
उन्होंने रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी दिशा-निर्देश के तहत मेरठ कैंट के सिविल एरिया को लेकर कहा कि सांसद, विधायक व अन्य जनप्रतिनिधियों के सुझावों को शामिल कर नया संशोधित प्रस्ताव तैयार किया जाए। इसके लिए कैंट बोर्ड, नगर निगम और प्रशासन के अधिकारी आपस में समन्वय बनाकर सिविल एरिया के प्रस्ताव को तैयार करें। इसके बाद नगर निगम अपने सुझावों के साथ रिपोर्ट दे। विशेष सचिव ने कहा कि अब नए आधार पर कैंट के सिविल एरिया के नगर निगम में विलय की रिपोर्ट तैयार करने के काम में तेजी लाई जाए। स्थानीय जनप्रतिनिधियों के सुझावों को समाहित किया जाए। कैंट के जो भी सिविल एरिया हैं उसे शामिल किया जाए। समीक्षा बैठक में कैंट बोर्ड से सीईओ जाकिर हुसैन, प्रशासन से एडीएम (ई) बलराम सिंह, नगर निगम से अपर नगर आयुक्त प्रमोद कुमार आदि शामिल रहे।
यह दिया गया है सुझाव: विधायक अमित अग्रवाल ने
सुझाव दिया है कि मेरठ कैंट अंग्रेजों के समय का है। उस समय अंग्रेजों द्वारा तब किसी भूमि की खरीद कैंट निर्माण के लिए नहीं की गई थी, कुछ भूमि का किराया अवश्य उनके द्वारा भूमि मालिकों को दिया जाता रहा और बाद में वो देना भी समाप्त हो गया। अब कैंट के सिविल एरिया के साथ कैंट के सभी बंगले, सभी स्कूल, सभी खेल मैदान, सभी पार्क, सभी मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारे आदि सिविल प्रभाव में आते हैं। इन सभी को नगर निगम में समाहित कर दिया जाना चाहिए।