Thursday, July 17, 2025
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जीवन की कोई उम्र क्यों न हो लिखने की आदत डालो

परीक्षा पे चर्चा शुरू, पीएम मोदी ने छात्रों से कहा


एजेंसी नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आप अपने बच्चों को मॉडल के रूप में खड़ा न करें। अपने बच्चों को प्यार करें। बच्चों की ताकत पहचानें। एक छात्र के सवाल पर जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने छात्रों से कहा आपके मन में जो भी है बिना किसी संकोच से कहना चाहिए। छात्रों से कहा कि वर्तमान पर फोकस करें। एक स्टूडेंट के सवाल का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हर बच्चे में कुछ खासियत जरूर होती है। छात्रों से कहा कि जीवन की कोई उम्र क्यों न हो, लिखने की आदत डालो।

प्रधानमंत्री ने छात्रों को दबाव के बारे में न सोचने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि जैसे बल्लेबाज स्टेडियम में शोरगुल और नारे को नजरअंदाज कर गेंद पर ध्यान केंद्रित करता है, वैसे ही छात्रों को भी दबाव के बारे में सोचने के बजाय पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। छात्रों को बाजरा और सब्जियों के महत्व के बारे में बताया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘परीक्षा पे चर्चा’ के दौरान छात्रों से बात करते हुए कहा कि हमारे समाज में दुर्भाग्य से ये घुस गया कि अगर हम स्कूल में इतने नंबर नहीं लाए। 10वीं-12वीं में इतने नंबर नहीं आए तो जिंदगी तबाह हो जाएगी और इसलिए पूरे घर में तनाव हो जाता है, ऐसे में आपको खुद को तैयार करना है। इस तनाव को मन में ना लें और तय करें कि आपको आज कितना पढ़ना है। ये अगर आप कर लेते हैं, तो आप इस तनाव से खुद को निकाल सकते हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चर्चा में शामिल हुए छात्रों को तिल के लड्डू खिलाए। साथ ही उन्हें हेल्थ से जुड़े कुछ टिप्स भी दी। पीएम ने छात्रों को बताया कि उन्हें क्या खाना चाहिए और क्या नहीं। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विद्यार्थियों को परीक्षा के तनाव को दूर करने के लिए ‘क्रिकेट’ से जुड़ा एक मंत्र दिया।

क्रिकेट का दिया उदाहरण
नई दिल्ली। पीएम ने बच्चों से कहा कि आपने देखा होगा कि जब क्रिकेट खेलते हैं तो मैच के दौरान स्टेडियम से आवाज आती है। कोई कहता है सिक्स, कोई कहता है फोर। क्या वह बैट्समैन सुनता है या फिर वह उस बॉल को देखता है। अगर वह सुनकर चौके-छक्के मारने लगे तो आउट हो जाएगा। इसका मतलब है कि बैट्समैन उस प्रेशर का परवाह नहीं करता है। उसका पूरा ध्यान उस बॉल पर होता है। अगर आप उस प्रेशर को न लेते हुए अपना ध्यान इस पर लगा दें कि आज मुझे इतना पढ़ना है, तो आप आराम से कर लेंगे।

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