मेरठ। दीपावली की मध्यरात्रि हरिद्वार से छोड़ा गया गंगाजल सोमवार देर शाम मेरठ पहुंच गया। शहर में 15 नवंबर से गंगाजल की सप्लाई की जाएगी। अपर नगर आयुक्त ममता मालवीय ने बताया कि साफ पानी आने के बाद गंगाजल की सप्लाई शुरू कर दी जाएगी। साकेत, पांडवनगर, हापुड़ रोड स्थित जाकिर कॉलोनी सहित कई जगहों पर पानी की समस्या ज्यादा हुई थी। रजबहों की सफाई अभी अधूरी है।
गंगनहर का पानी दिल्ली और मेरठ की जनता पीने में भी इस्तेमाल करती है। गंदगी के कारण 24 घंटे तक गंगनहर के पानी को पीने में इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। नहर की सफाई के साथ-साथ गंगाजल परियोजना की पाइप लाइन की भी धुलाई होगी। मंगलवार सुबह तक नहर में गंगाजल मुरादनगर रेगुलेटर तक पहुंच जाएगा। सबसे पहले पाइप लाइन की. सफाई होगी, इसके बाद दिल्ली को पीने का पानी दिया जाएगा।
वहीं गेहूं की बुवाई के लिए दस नवंबर से 30 नवंबर तक का उचित समय होता है। गन्ना अथवा अन्य फसलों को काटकर गेहूं की बुवाई के लिए खेत तैयार किया जाता है। अगर समय रहते नहर का पानी नहीं मिला, तो खेत तैयार नहीं होते हैं। इस बार रजबहे और माइनरों की शतप्रतिशत सफाई नहीं हुई है। जिसके कारण सभी किसानों के खेतों तक फिलहाल पानी पहुंचने में दिक्कत होगी। रजबहों की सफाई अभी अधूरी हुई है। इसके अलावा नहर सफाई के दौरान जगह गंदगी हो गई। जो अब पानी के साथ बहकर आ रही है।
शहर में 60 एमएलडी गंगाजल की आपूर्ति
शहर में भी 60 एमएलडी गंगाजल की आपूर्ति होती है। छह लाख से भी अधिक लोगों को पानी मिलता है। 19 दिन से ट्यूबवेलों से पानी की सप्लाई की जा रही थी।