( मेरी तुर्की यात्रा )
अनुज विज। तुर्की या तुर्किए यूरेशिया में स्थित एक देश है। इसकी राजधानी अंकारा है। इसकी मुख्य और राजभाषा तुर्की भाषा है। ये संसार का अकेला मुस्लिम बहुमत वाला देश है जो कि धर्मनिरपक्ष है। ये एक लोकतान्त्रिक गणराज्य है। इसके एशियाई भाग को अनातोलिया और यूरोपीय भाग को थ्रेस कहते हैं। मुझे पर्यटन का बहुत शौक है। बिजनेस में ज्यादा व्यस्त रहने के कारण ज्यादा समय नहीं मिलता लेकिन यूरेशिया के खूबसूरत देश तुर्की जाने का जो मौका मिला उसे एक पल भी गवाया नहीं। मैं और मेरी पत्नी ऐश्वर्या विज के साथ तुर्की एयरलाइन्स से अपना सफर शानदार रहा। हम लोग दिल्ली से सीधे तुर्की के खूबसूरत शहर केपीडिकोवा पहुंच गए।
टर्की गणतंत्र का कुल क्षेत्रफल 2,96,185 वर्ग मील है जिसमें यूरोपीय टर्की (पूर्वी थ्रैस) का क्षेत्रफल 9,068 वर्ग मील तथा एशियाई टर्की (ऐनाटोलिआ) का क्षेत्रफल 2,87,117 वर्ग मील है। इसके अंतर्गत 451 दलदली स्थल तथा 3,256 खारे पानी की झीलें हैं। पूर्व में रूस और ईरान, दक्षिण की ओर इराक, सीरिया तथा भूमध्य सागर, पश्चिम में ग्रीस और बुल्गारिया और उत्तर में काला सागर इसकी राजनीतिक सीमा निर्धारित करते हैं।
केपीडोशिया शहर बहुत खूबसूरत है। सड़कों पर धर्मनिरपेक्षता साफ दिख रही थी। 1923 में उस वक्त के राष्ट्रपति कमाल पाशा ने बुर्के और टोपी पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था। इस कारण सड़कों पर खूबसूरत लड़कियों से लेकर महिलाएं बेखौफ घूमती हुई दिख रही थी। धर्मनिरपेक्ष देश होने के कारण कोई किसी के धर्म पर कमेंट्स नहीं करता है। तुर्की के इस खूबसूरत शहर में भारतीय रेस्टोरेंट्स दाल चीनी, दिल्ली दरबार आदि में साउथ इंडियन, पंजाबी या देशी खाने का आनंद लिया।
इस शहर में देखने के लिए बेहतरीन पर्यटन स्थल है जैसे लव वैली, पीजन वैली जाकर दिल को सुकून मिला। पत्नी ने कई खूबसूरत फोटो ली और वीडियो भी बनाई। केपीडोशिया में तीन दिन गुजारने के बाद हम लोग इस्तांबुल आ गई। नीली मस्जिद और रंगीन इमारतों के लिए प्रसिद्ध इस शहर को गत वर्ष भूकंप ने बहुत नुकसान पहुंचाया था लेकिन इस शहर ने फिर से अपनी पुरानी छवि को हासिल कर लिया। तुर्की की करेंसी लीरा है और महंगाई भी है। तुर्की अपने ड्रायफ्रूट्स और जूस के लिए भी प्रसिद्ध है। स्ट्रीट फूड्स के नाम पर हर जगह भुट्टे और केक का खूब आनंद लिया। इस्तांबुल में नीली मस्जिद को देखने के लिए गया तो खूबसूरती देखते बनती थी। हम लोगों को खाने की थोड़ी दिक्कत हुई क्योंकि नॉन वेज पत्नी खाती नहीं और वेज खाने के लिए भागदौड़ करनी पड़ती थी।