सुप्रीम कोर्ट ने फ्री राशन योजना पर की टिप्पणी

सुप्रीम कोर्ट ने फ्री राशन योजना पर की टिप्पणी

  • केंद्र से पूछे सवाल, कब तक फ्री की सुविधाएं देंगे   
  • सरकार रोजगार के अवसर क्यों नहीं पैदा करती ?


नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की फ्री राशन योजना पर बड़ी टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि कब तक लोगों को मुफ्त में राशन बांटा जाएगा। सरकार रोजगार के अवसर क्यों नहीं पैदा कर रही है। केंद्र सरकार की तरफ से सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत 81 करोड़ लोगों को मुफ्त में राशन दिया जा रहा है। इस पर जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस मनमोहन की पीठ ने कहा कि इसका मतलब सिर्फ टैक्स देने वाले ही इस योजना से बाहर हैं।

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि पहले से ही 81.35 करोड़ लोगों को एनएफएसए के तहत लाभ मिल रहा है। इस पर एनजीओ की तरफ से पेश वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि कोरोना महामारी के गरीब लोगों की स्थिति वास्तव में खराब हो गई है क्योंकि बेरोजगारी काफी बढ़ गई है। इस पर न्यायमूर्ति कांत ने मौखिक रूप से टिप्पणी की कि फिर इस बात पर विचार किया जाना चाहिए कि रोजगार पैदा करने के लिए क्या किया जा सकता है।

यह मामला न्यायालय द्वारा 26 मई, 2020 के अपने आदेश में उडश्कऊ-19 महामारी के कारण लगाए गए लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों की समस्याओं और दुखों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए आया है। 26 जून, 2021 को जस्टिस अशोक भूषण और एम.आर. शाह की पीठ ने निर्देश जारी किए कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को प्रवासी मजदूरों को राशन के वितरण के लिए एक उचित योजना लानी चाहिए और वन नेशन वन राशन” को लागू करना चाहिए।

 

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