ड्रोन के माध्यम से छात्रों ने जाना उर्वरक के प्रयोग का लाभ

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शारदा न्यूज, मेरठ। शोभित विश्वविद्यालय मेरठ स्कूल आॅफ एग्रीकल्चर साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी द्वारा 10 दिवसीय वर्कशॉप आॅन ड्रोन टेक्नोलॉजी इन एग्रीकल्चर मे आज प्रशिक्षण कार्यक्रम के दुसरे दिन केंद्रीय आलू संस्थान अनुसंधान केंद्र के सहयोग से आलू के खेत में ड्रोन के अनुप्रयोग पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

 

उन्होंने आलू के अनुसंधान क्षेत्र में ड्रोन की मदद से उर्वरक के प्रयोग का प्रदर्शन किया। प्रधान वैज्ञानिक डॉ. एस के लूथरा ने आलू की विभिन्न किस्मों के साथ-साथ जारी की गई किस्मों के बारे में बताया। डॉ. अनुज भटनागर, प्रमुख वैज्ञानिक कीटविज्ञान, ने कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी दी। डॉ राजेश कुमार सिंह जी, केंद्र अध्यक्ष द्वारा सभी को संबोधित किया गया उनमें उन्होंने किसान नमो ड्रोन दीदी योजना के बारे में और इसके फायदे बताए। मुख्य अतिथि डॉ एन सी उपाध्याय, पूर्व प्रधान वैज्ञानिक, सीपीआरआई, मोदीपुरम ने कृषि उत्पादकता के लिए मिट्टी और पानी के महत्व के बारे में बताया। ड्रोन टेक्नोलॉजी इन एग्रीकल्चर के ऊपर ट्रेनिंग प्रोग्राम चल रही है जिसमें सभी ट्रेनीज को ड्रोन के इस्तेमाल करने के तरीके बारे में उसके मार्केटिंग के बारे में और मैनेजमेंट के बारे में जानकारी दी जा रही है। इसी श्रृंखला में सभी छात्र-छात्राओं को ड्रोन के मूलभूत उद्देश्यों को बढ़ावा देने की कड़ी में विद्यार्थियों को बताया।

 

इस एक दिवसीय वर्कशॉप को सफल बनाने में प्रोफेसर डॉ सहदेव सिंह, डॉ मनोज कुमार, डॉ सोनम आर्य, डॉ अंजली तोमर, आशीष कुमार त्यागी और वाणी भाटिया का विशेष योगदान रहा।

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