- 2011 में ही वेस्टइंडीज के खिलाफ अपनी पहली टेस्ट सेंचुरी लगाई थी.
एजेंसी, चैन्नई। रविचंद्रन अश्विन की शानदार सेंचुरी की बदौलत टीम इंडिया ने बांग्लादेश के खिलाफ एक बढ़िया टोटल रख दिया है। एक वक्त तो टॉप आर्डर के फ्लॉप होने के बाद ऐसा लग रहा था कि भारतीय टीम कहीं भरभराकर नीचे ना गिर जाए।
लेकिन रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा ने मौका की नजाकत तो समझते हुए, अपनी अपनी पारियों से भारत को अब काफी हद तक सुरक्षित कर दिया है। इस बीच रविचंद्रन अश्विन की टेस्ट क्रिकेट में ये छठी सेंचुरी है। आपको जानकर ताज्जुब होगा कि अश्विन ने जब भी टीम इंडिया के लिए टेस्ट में शतक लगाया है, कभी भी भारतीय टीम मैच हारी नहीं है। जीते हुए मैच ज्यादा है, वहीं एक मैच बराबरी पर भी खत्म हुआ है।
अश्विन ने साल 2011 में अपना टेस्ट डेब्यू किया था। अपने तीसरे ही मैच में अश्विन ने शतक ठोककर बता दिया था कि वे केवल गेंदबाज नहीं हैं। जरूरत पड़ने पर वे बैट से भी कमाल करने की क्षमता रखते हैं। उन्होंने 2011 में ही वेस्टइंडीज के खिलाफ अपनी पहली टेस्ट सेंचुरी लगाई थी।
ये मैच बराबरी यानी ड्रॉ पर खत्म हो गया था। इसके बाद अपनी अगली सेंचुरी के लिए अश्विन को काफी लंबा इंतजार करना पड़ा। साल 2013 में वेस्टइंडीज के ही खिलाफ अश्विन का बल्ला एक बार फिर चला और उन्होंने 124 रनों की बेहतरीन पारी खेली दी थी। ये मैच भारत ने छह विकेट से अपने नाम किया था।
साल 2016 में अश्विन ने तीन मैचों के भीतर ही भीतर दो और शतक लगा दिए थे। एक बार फिर से सामने वेस्टइंडीज की टीम थी। पहले उन्होंने 113 रन और इसके बाद 118 रनों की पारी खेली। पहला मैच जहां भारत ने पारी और 92 रन से जीता था, वहीं दूसरा मैच 237 रनों के भारी अंतर से अपने नाम करने में भारतीय टीम कामयाब रही। साल 2021 में एक बार फिर अश्विन के बल्ले से बेहतरीन पारी आई। इस बार सामने वेस्टइंडीज नहीं, बल्कि इंग्लैंड की टीम थी। मैच की दूसरी पारी में उन्होंने 106 रन बनाने का काम किया था।
ये मैच भी भारत ने 317 रन से जीता था।
यानी इससे पहले अश्विन जो पांच सेंचुरी लगा चुके थे, उसमें से भारत ने एक भी मैच गंवाया नहीं है। अब उनके बल्ले से छठी सेंचुरी आई है। वैसे तो इस शतक के साथ ही अश्विन कई कीर्तिमान भी अपने नाम किए हैं। लेकिन शतक वही बड़ा होता है, जिससे टीम जीते। अब बांग्लादेश के खिलाफ 113 रन अश्विन ने बना दिए हैं। उम्मीद की जानी चाहिए कि पहले के रिकॉर्ड की तरह ही इस बार भी भारतीय टीम ना केवल मैच को ड्रॉ कराएगी, बल्कि जीत भी दर्ज करेगी। अभी मैच के चार दिन बाकी हैं, देखना होगा कि आगे क्या कुछ होता है।