– भाजपा नेता राज्यसभा सांसद डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने नाम बदलने की मांग पर दिया जवाब।
शारदा रिपोर्टर
मेरठ। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राज्यसभा सांसद डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने मेरठ का नाम बदलने की चर्चा पर विराम लगा दिया है। उन्होंने कहा कि मेरठ नाम से ही इस जनपद को विश्व में ख्याति मिली है, ऐसे में नाम बदलना ठीक नहीं है।
भारतीय जनता पार्टी के व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष विनीत अग्रवाल शारदा को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने जवाब दे दिया है। लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने साफ शब्दों में कह दिया कि मेरठ का नाम नहीं बदलेगा।
बता दें, गुरुवार को अग्रसेन मंदिर के शिलान्यास समारोह में मंत्री कपिल देव अग्रवाल के सामने विनीत अग्रवाल ने मेरठ का नाम बदलकर अग्रसेन नगर करने की मांग की थी।
विनीत अग्रवाल के बयान के बाद चर्चा शुरू हो गई थी, कि वाकई में मेरठ का नाम बदला जाएगा। लेकिन जब इस मुद्दे पर भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राज्यसभा सांसद डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी से बात की तो उन्होंने कहा कि 1857 की क्रांतिधरा सारे संसार में मेरठ के नाम से जानी जाती है। नाम बदलकर इस शहर की ख्याती को खत्म करने का सुझाव उचित नहीं है। मैं ऐसी किसी भी मांग का समर्थन नहीं करता हूं।
वहीं त्रिभाषा विवाद पर लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने कहा कि तमिलनाडु के सीएम स्टालिन तब बोल रहे हैं, जब देश के गृहमंत्री ने ही स्पष्ट कर दिया है तो फिर भाषा का संकट कहां रह गया। उन्होंने कहा कि जब किसी भी राज्य में वहां के युवा अपनी स्थानीय भाषा में पढ़ें तो फिर समस्या कहां है। इस
प्रकार के सवाल उठाना ओछी राजनीति है।
महाराष्ट्र के सपा विधायक अबू आजमी के औरंगजेब पर दिए बयान पर कहा कि औरंगजेब का नाम जिन लोगों ने लेना शुरू किया है, उनके पास कोई मुद्दे नहीं हैं, उनके पास कोई विचार नहीं है। उन्होंने कहा कि विचारहीन और आधारहीन लोगों के द्वारा इस प्रकार के मुद्दे उठाए जा रहे हैं। मैं ऐसे नेताओं को चुनौती देता हूँ। प्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी उन लोगों को यूपी में आने की चुनौती दी है, हम भी अपने मुख्यमंत्री के साथ खड़े हैं।
उधर, मेरठ का नाम बदलने के मुद्दे पर विनीत अग्रवाल शारदा ने फिर दोहराया कि मेरठ बहुत अधिक राजस्व देने वाला राज्य है, यहां बड़ी संख्या में वैश्य समाज रहता है। उन्होंने कहा कि वह अभी भी अपनी मांग पर अडिग हैं और जल्द ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर अपनी मांग रखेंगे।