एजेंसी, नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी अपने लगभग 20 सांसदों को नोटिस जारी कर सकती है, जो लोकसभा में एक राष्ट्र, एक चुनाव विधेयक पर मतदान के दौरान अनुपस्थित रहे। ऐसा तब भी हो सकता है, जब सभी पार्टी सांसदों को सदन में उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी किया गया था।
एक साथ चुनाव कराने संबंधी संविधान (129वां संशोधन) विधेयक संसद में पहली बार ई-वोटिंग के बाद लोकसभा में पेश किया गया। प्रस्ताव बहुमत से पारित हुआ। प्रस्ताव के पक्ष में 269 वोट पड़े, जबकि विपक्ष में 198 वोट पड़े। अब विधेयक को हर स्तर पर व्यापक विचार-विमर्श के लिए संसद की संयुक्त समिति के पास भेजा जाएगा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री मनीष तिवारी ने विधेयक को संविधान के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा कि अनुसूची 7 से परे मूल ढांचा है, जिसे बदला नहीं जा सकता और
विचाराधीन विधेयक संविधान पर हमला है। उन्होंने विधेयक को तत्काल वापस लेने की मांग की। तिवारी के विरोध के बाद कई अन्य विपक्षी दलों ने भी यही रुख अपनाया कि यह विधेयक संविधान की भावना के खिलाफ है। सपा नेता धर्मेंद्र यादव, टीएमसी के कल्याण बनर्जी और डीएमके के टीआर बालू, एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी समेत कई प्रमुख नेताओं ने विधेयक का विरोध किया।