गंगानगर किसान संघर्ष समिति ने मंडलायुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन कर सौंपा ज्ञापन।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। विभिन्न समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर गंगानगर किसान संघर्ष समिति के दर्जनों सदस्य मंगलवार को कलेक्ट्रेट पहुंचे। इस दौरान उन्होंने एक शिकायत पत्र सौंपते हुए कमिश्नर सेल्वा कुमारी जे से समस्या के समाधान की मांग की।
किसानों ने बताया कि मेरठ विकास प्राधिकरण द्वारा 37 सालों पहले को गंगानगर, लोहिया नगर, वेदव्यासपुरी और शताब्दीनगर आवासीय योजनाओं के लिए भूमि का अधिग्रहण किया गया था। जिसमें किसानों को काफी कम मुआवजा दिया गया था। बाद में शताब्दीनगर योजना को बढ़े प्रतिकर के रूप में अतिरिक्त मुआवजा दिया गया, जिससे बाकी किसानों में भारी रोष व्याप्त है। उन्होंने बताया कि बाद में काफी संघर्ष के बाद प्राधिकरण द्वारा गंगानगर, लोहिया नगर व वेदव्यासपुरी आवासीय योजनाओं के किसानों को समानता के आधार पर बढ़े प्रतिकर को देने का प्रस्ताव 2015 को बोर्ड बैठक में परिचालन प्रस्ताव द्वारा पास किया गया। जिसकी संस्तुति शासन व अधिकारियों द्वारा लखनऊ से कर ली गई थी। जिसमें बढ़े प्रतिकर के बदले बड़े किसानों को विकसित प्लॉट व छोटे किसानों को चैक देने पर सहमति प्रस्ताव पास हुआ था।
मेरठ विकास प्राधिकरण द्वारा उक्त तीनों योजनाओं के छोटे किसानों को लोहिया नगर, वेदव्यास पुरी और गंगानगर को मिलाकर चैकों का वितरण किया जा चुका है। बावजूद इसके किसानों को बार-बार प्राधिकरण के अधिकारियों द्वारा झूठी आपत्ति बताकर टाल-मटोल किया जाता रहा है।
जो गलत है। जबकि, उन आपत्तियों का निस्तारण भी हो चुका हैं। उसके बाद किसानों के लिए प्राधिकरण की स्कीम में प्लॉटों के नक्शे भी प्राधिकरण द्वारा चिन्हित कर दिए गए और कहा गया कि इन प्लॉटों में सभी प्लॉट किसानों को ही दिए जायेंगे। उसके बाद भी एमडीए अधिकारी किसानों को उलझा रहे हैं। जिससे किसानों में एमडीए के खिलाफ गुस्सा है।