- शताब्दीनगर में चल रही पंडित प्रदीप मिश्रा की महापुराण का हुआ समापन।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। शताब्दीनगर में द अध्ययन स्कूल के पीछे चल रही पंडित प्रदीप मिश्रा की महापुराण का शनिवार को समापन हो गया। आखिरी दिन एक लाख से अधिक लोगों ने कथा का श्रवणपान किया। प्रसिद्ध कथा वाचक प्रदीप मिश्रा ने कहा कि हमें ढोंग नहीं करना चाहिए, भगवान शिव ढोंग और आडंबर के विरोधी है। कथा व्यास ने कहा कि लोग कहते है हम प्याज नहीं खाते लहसुन नहीं खाते, वहीं अगर भ्रष्टाचार की कमाई से मिले धन को डकार जाते हैं।
कथा में उन्होंने पशुपतिनाथ के व्रत के महात्म्य को बताया, कहा पांच सोमवार को कह व्रत करने से भगवान भोले नाथ भक्त की मनोकामना जरूर पूरी करते हैं। ऋषि भृगु का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि एक बार अऋषि भगवान शिव से मिलने कैलाश पर्वत पहुंचे अऋषि को देखकर भगवान शिव उन्हें गले लगाने के आगे बढ़ते हैं। लेकिन ऋषि भूगु कहते हैं मैं आपको गले नहीं लगा सकता है आपके शरीर पर चित्त की भस्म लगी है। जिस पर भगवान शंकर क्रोधित हो जाते है।
कहा इस भस्म का आप मोल नहीं समझ सकते यह अनमोल है। कथा व्यास प्रदीप मित्रा ने कहा कि भगवान शंकर हमेशा भक्त के गुण देखते है अवगुण नहीं यही कारण है वह अपने भक्त को कुछ भी देने को तत्पर हो जाते हैं। कहा कि अगर एक दिन भी शिवपुराण का कथा श्रवण का मौका मिल जाए तो समझो भोले ने आपका साथ पकड़ लिया है। कथा के आयोजन में डाक्टर ब्रजभूषण गोयल, जय प्रकाश अग्रवाल, संदीप गोयल, अमन अग्रवाल और आशीष बंसल का योगदान रहा।