- शांतिनाथ दिगंबर जैप पंचायती मंदिर में हुई पूजा।
- मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं ने भगवान के मोक्ष कल्याणक के अवसर पर विशेष पूजा आराधना की।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। श्री 1008 शांतिनाथ दिगंबर जैन पंचायती मंदिर असोड़ा हाऊस में 20 वे तीर्थंकर मुनि सुब्रत नाथ भगवान के मोक्ष कल्याणक पर 20 किलो का मुख्य निर्माण लाडू बेदी में समर्पित किया गया। मंदिर परिसर में अभिषेक एवं शांति धारा का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य शांति धारा करने का सौभाग्य कपिल जैन रमाकांत जैन विशाल जैन सौरभ जैन साहिल जैन अंकित जैन को प्राप्त हुआ इसके पश्चात 20 किलो का मुख्य निर्माण लाडू मुनि सुब्रत नाथ भगवान की बेदी में विराजमान करने का सौभाग्य अमित जैन अनामिका जैन परिवार को मिला।
रचित जैन ने बताया जैन दर्शन में चौबीस तीर्थंकरों की परंपरा है और इस परंपरा में भगवान आदिनाथ से लेकर महावीर स्वामी तक 24 तीर्थंकर हुए। इसी क्रम में 20 वे तीर्थंकर पर जिनका नाम आता है उन्हें भगवान मुनिसुव्रत के नाम से जाना जाता है। मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं ने भगवान के मोक्ष कल्याणक के अवसर पर विशेष पूजा आराधना की। आयोजन के अंत में सामूहिक रूप से भगवान की आरती पूजा की गई। निर्वाण कांड बोलते हुए सभी श्रद्धालुओं ने नृत्य करते हुए निर्वाण लाडू बेदी में समर्पित किया।
मोक्ष कल्याणक मनाने के प्रमुख कारण
आत्मा की मुक्ति का उत्सव मोक्ष प्राप्ति का अर्थ है कि आत्मा जन्म-मरण के चक्र से मुक्त होकर सिद्ध अवस्था में पहुंच गई है, जहां उसे अनंत सुख, ज्ञान और शांति प्राप्त होती है। तप और साधना की प्रेरणा मुनि सुब्रत नाथ भगवान के जीवन से प्रेरणा लेकर श्रद्धालु भी आत्मशुद्धि, अहिंसा, और ध्यान की राह पर अग्रसर हो सकें। धर्म प्रभावना झ्र इस अवसर पर धार्मिक कार्यक्रमों, प्रवचनों, और सत्संग के माध्यम से जैन धर्म के सिद्धांतों का प्रचार-प्रसार किया जाता है। पुण्य अर्जन एवं सेवा कार्य मोक्ष कल्याणक पर विभिन्न धार्मिक एवं सेवा कार्य (जैसे अन्नदान, चिकित्सा सेवा, गोसेवा) आयोजित किए जाते हैं ताकि जीवों के कल्याण का कार्य हो सके। मंदिर परिसर में विनोद जैन, रमेश जैन, मनोज जैन, अनिल जैन, राकेश जैन, संजय जैन, गौरव जैन, उमेश जैन, लकी जैन, आभा जैन, शोभा जैन, सारिका जैन, नीरू जैन, प्रज्ञा आदि उपस्थित रहे।