शारदा रिपोर्टर मेरठ। नगर निगम शहर के 70 फीसदी नालों की सफाई का दावा कर रहा है। अभी तक निगम की टीम करोड़ों रुपये का डीजल और पेट्रोल भी नाला सफाई में फूंक चुका है। जबकि, नगर निगम के अधिकारी बरसात से पहले सभी नालों की सफाई करने की बात कह रहे हैं और इन्हीं दावों के आधार पर प्रभारी मंत्री भी शुक्रवार को दावा ठोक गए कि इस बार जलभराव नहीं होगा। लेकिन हकीकत में अभी शहर के अधिकांश नाले गंदगी से अटे पड़े हैं। शहरवासी बरसात के मौसम में फिर से जलभराव की समस्या झेलने के लिए तैयार हो जाएं।
नगर निगम की ओर से शहर में रात के समय नाला सफाई कराने का दावा भी किया जा रहा है। लेकिन क्रांति धर मेरठ अव्यवस्थाओं से घिरी हुई है। कहीं गंदगी और कूड़े के ढेर जमा है तो कहीं बिजली के खंभे लटके हुए हैं। तीन दिन पहले प्रभारी मंत्री धर्मपाल सिंह ने शहर के अलग-अलग इलाकों का भ्रमण किया। इस दौरान वह शहर की हालत देखकर चौंक गए। उन्होंने अधिकारियों को फटकार लगाई और कहा की क्या सालों से शहर की सफाई नहीं हुई है। उन्होंने मौके पर जाकर मुआयना कर शहर के कई नाले देखें तो वह गंदगी से अटे पड़े थे।
आधे शहर में अभी निगम की टीम नहीं पहुंची है। निगम के अधिकारियों का दावा है कि शहर के 70 फीसदी नालों की सफाई हो चुकी है। बरसात में सड़क पर पानी नहीं भरेगा।
बात अगर विद्युत व्यवस्था की करें तो न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में बल्कि शहरी इलाकों में भी बिजली के जर्जर तार बड़ी घटना को दावत देते दिख रहे हैं। इसके अलावा खुले में रखे ट्रांसफर भी कभी भी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकते हैं। शहर की यह तस्वीर देखकर कोई भी कह सकता है कि जनपद मेरठ के अधिकारी अपने कार्य के प्रति लापरवाह है। जिसके चलते शहर की सूरत लगातार धूमिल होती जा रही है।
हालांकि 21 जून यानी शुक्रवार को प्रभारी मंत्री धर्मपाल सिंह ने सर्किट हाउस में अधिकारियों के साथ बैठक की इस दौरान उन्होंने शहर के विकास कार्यों पर कोई काम ना होता देख अधिकारियों को फटकार लगाई कहा कि लोगों को नारकीय जीवन जीना पड़ रहा है और अधिकारी अपने आॅफिस में एक में बैठकर सिर्फ कागजों में विकास की योजनाओं को परवान चढ़ाने का काम कर रहे हैं।
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