हाईकोर्ट सख्त : महाकुंभ में बेवजह बैरिकेडिंग क्यों

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– वकील ही नहीं श्रद्धालु भी हो रहे परेशान, जवाबी हलफनामा किया तलब।


प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महाकुंभ में गड़बड़ाई यातायात व्यवस्था और पुलिस की ओर से अधिवक्ताओं संग किए गए दुर्व्यवहार पर कड़ी नाराजगी जताई है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महाकुंभ में गड़बड़ाई यातायात व्यवस्था और पुलिस की ओर से अधिवक्ताओं संग किए गए दुर्व्यवहार पर कड़ी नाराजगी जताई है। कोर्ट ने प्रयागराज के मंडलायुक्त, पुलिस आयुक्त, जिलाधिकारी, मेलाधिकारी और उपायुक्त यातायात से 14 फरवरी तक जवाबी हलफनामा तलब किया है। इसमें पूछा गया है कि यातायात के नाम पर महाकुंभ में बेवजह बैरिकेडिंग क्यों की गई है। इससे अधिवक्ता ही नहीं, आम लोग व श्रद्धालुओं को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

 

 

पांच फरवरी को प्रयागराज में कर्नलगंज थाना अंतर्गत हिन्दू हॉस्टल चौराहे के समीप सीएम योगी की फ्लीट गुजरने के दौरान बैरिकेडिंग पर अधिवक्ता से मारपीट का मामला सामने आया था। पुलिसकर्मियों की ओर से की गई मारपीट का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इसका संज्ञान लेकर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने मुख्य न्यायधीश से शिकायत की थी। साथ ही पत्र याचिका दाखिल की थी। इसे आपराधिक जनहित याचिका के रूप में दर्ज करने की मंजूरी मिलने के बाद बृहस्पतिवार की दोपहर मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति महेश चन्द्र त्रिपाठी और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार की खंडपीठ ने की।

इसमें दलील पेश करते हुए बार के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल तिवारी ने कोर्ट को बताया कि हाईकोर्ट की ओर से महाकुंभ के दौरान कोर्ट जा रहे अधिवक्ताओं को रास्ते में न रोकने का प्रशासनिक आदेश दिया गया था। बावजूद इसके मेला क्षेत्र में तैनात पुलिस कर्मियों की ओर से अधिवक्ताओं को कोर्ट आने से रोकने और उनके संग दुर्व्यवहार की कई घटनाएं प्रकाश में आईं हैं। इसी क्रम में चार फरवरी को हिंदू हॉस्टल चौराहे पर अधिवक्ता धीरेन्द्र सिंह के साथ पुलिस कर्मियों और अधिकारियों ने मारपीट की।

इस दौरान उनके कपड़े और एडवोकेट बैंड भी खींच कर फाड़ दिया गया। उन्होंने न्यायिक प्रक्रिया में इसे पुलिस का अनधिकृत हस्तक्षेप बताया। साथ ही मौके पर मौजूद सभी पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के साथ ही उन्हें बर्खास्त करने की मांग रखी। इस पर कोर्ट ने अधिवक्ताओं संग हुई पुलिस बर्बरता के सभी मामलों की जानकारी व संबंधित वीडियो फुटेज हलफनामे के साथ दाखिल करने का आदेश दिया है। साथ ही जिम्मेदार अधिकारियों से जवाबी हलफनामा तलब किया है। मामले की अगली सुनवाई 14 फरवरी को होगी।

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