lohe ke paip vaale dhamaake
  • चार बहनों का अकेला भाई था वरदान।
  • गंधक-पोटाश से किशोर और युवक की मौत का मामला।

शारदा न्यूज, संवाददाता |

मेरठ। लोहे के पाइप के बने खतरनाक धमाकों (गंधक-पोटाश छोड़ने वाला पाइप) से दिवाली पर दो परिवारों की खुशियां मातम में बदल गईं। गांवों में इस बार पाइप के धमाके खूब बिके। बच्चों तक के हाथों में धमाके थे। कई जगह धमाके फटने के कारण लोग घायल हुए।

गांवों में पिछले कई सालों से लोहे के पाइप वाले धमाके दिवाली पर खूब बिकते हैं। इसकी वजह गांवों में पटाखे नहीं मिलना और गंधक-पोटाश का पटाखों की तुलना में सस्ता मिलना होता है। इसमें पाइप में गंधक-पोटाश भरकर उसमें लोहे की रॉड से चोट की जाती है, जिसके बाद गंधक-पोटाश में धमाका हो जाता है।

कई बार पाइप में गंधक-पोटाश की मात्रा अधिक होने के कारण उसके झटके को पाइप झेल नहीं पाता और फट जाता है। परतापुर के शताब्दीनगर में भी ऐसा ही हुआ। पाइप धमाके का प्रेशर नहीं झेल पाया और फट गया। पाइप के टुकड़े रामकुमार के सीने में घुसने के कारण उसकी मौत हो गई। इस तरह से पाइप वाले धमाके पहले से ही फटते रहे हैं।

बच्चों को करें जागरूक

पाइप वाला धमाका बेहद खतरनाक होता है। ऐसे में परिजनों को अपने बच्चों को उसका इस्तेमाल नहीं करने के लिए जागरूक करना चाहिए। गंधक-पोटाश बेहद खतरनाक होता है, इससे बच्चों को दूर रखना चाहिए।

इंचौली के फिटकरी गांव में बहन रहकर पढ़ाई करने वाला वरदान चार बहनों घर का इकलौता भाई था। बहन उसे बहुत प्यार करती थी, इसीलिए अपने पास रखकर पढ़ा रही थी। वरदान भी जिद करके पाइप वाला धमाका लेकर आया था। उसके लिए वो गंधक-पोटाश पीसने लगा। उसे पता नहीं था कि गंधक और पोटाश को एक साथ नहीं पीसते हैं। उसने दोनों को एक साथ इमामदस्ते में डाल दिया और मूसली का वार किए जाने के कारण धमाका हो गया। वरदान की मौत से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। पूरे गांव में कोहराम मचा रहा।

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