– एसटीएफ को बड़ी सफलता, एक आरोपी पकड़ा
– पूछताछ में खुलेंगे कई बड़े राज
मुजफ्फरनगर। एसटीएफ यूपी की टीम ने मुजफ्फरनगर में शहर कोतवाली क्षेत्र से चार टाइम बम बरामद किए हैं। एक आरोपी भी पकड़ा गया है। इसे यह बम इमराना नाम की महिला को सौंपना था। टाइम बम मिलने की पुष्टि एसएसपी अभिषेक सिंह ने की है। उनका कहना है कि एसटीएफ मामले की जांच कर रही है, उनके स्तर से ही प्रकरण का खुलासा किया जाएगा। एसटीएफ की टीम आरोपी युवक से पूछताछ कर रही है। मेरठ से बम निरोधक दस्ता भी बुलाया गया। बताया गया कि ये टाइम बम मुजफ्फरनगर में ही बनाए जा रहे थे।
मिमलाना रोड रामलीला टीला थाना कोतवाली नगर निवासी जावेद पुत्र जरीफ अहमद को शुक्रवार सुबह 10.45 बजे काली नदी का पुल चरथावल रोड से गिरफ्तार किया गया है। वहीं, बोतल बम आईडी बनाने के बारे में पूछने पर जावेद ने बताया कि वह चाचा मोहम्मद आरर्शी पुत्र खलील के साथ पटाखे बनाने का काम करता है। इसी दौरान उसने बारूद व बोतल बम आईडी बनाने का काम भी सीखा। इसके अलावा अन्य जानकारी यूट्यूब और इंटरनेट के माध्यम से हासिल की।
एसटीएफ की मेरठ यूनिट द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपी जावेद के पास से चार टाइम बोतल बम (आईईडी) बरामद हुए हैं। एसटीएफ की टीम आरोपी से पूछताछ करने में जुटी है, इन बम का इस्तेमाल किसी सुनियोजित षड्यंत्र में किया जाना था।जावेद ने पूछताछ में कबूल किया है कि यह बम खालापार इलाके में ही रहने वाली एक महिला ने आॅर्डर देकर बनवाए थे। टीम महिला की तलाश में जुटी है। एसटीएफ के एसपी बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि इससे पहले भी यह टाइम बम बना चुका था। आरोपी की ननिहाल नेपाल में है, उसका वहां भी आना-जाना रहा है। इससे पहले जावेद रेडियो बनाने का भी काम करता था।
जावेद के दादा का पटाखे बनाने का काम था। उसने दादा से बम बनाना सीखा। इसके बाद यूट्यूब आदि के माध्यम से उसने आईईडी बम बनाना सीख लिया। आरोपी से पूछताछ में कई और जानकारियां मिल सकती हैं।जावेद की चाची का कहना है कि वह बहुत अच्छा लड़का है लेकिन, पता नहीं वह कैसे किसी के बहकावे में आ गया।
उन्होंने बताया कि बृहस्पतिवार की रात को पुलिस उनके घर आई थी। पुलिस घर से कुछ सामान अपने साथ ले गई। बताया कि जावेद 10वीं तक पढ़ा हुआ है और वह लोवर बेचने का काम करता है।
जावेद की चाची का कहना है कि वह हर किसी की मदद करता है लेकिन, पता नहीं पुलिस उसे क्यों पकड़ कर ले गई है। उनका कहना है कि जावेद पिछले 15 साल से हमारे पास ही रहता है। वह बम बनाने का काम नहीं करता है। उन्होंने बताया कि बृहस्पतिवार रात में 10.15 के करीब जावेद से फोन पर बात हुई थी। इसके बाद उससे कोई संपर्क नहीं हुआ।