मंत्री नंदी के बेटे के अकाउंटेंट से करोड़ों की ठगी करने वाले पांच गिरफ्तार

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प्रयागराज। यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री नंदी के बेटे के अकाउंटेंट से 2.08 करोड़ की साइबर ठगी मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता के बेटे के अकाउंटेंट रितेश श्रीवास्तव से 2.08 करोड़ की साइबर ठगी का खुलासा हो गया है। पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

पुलिस का दावा है कि नेपाल और कंबोडिया से संचालित हो रहे गिरोह ने इस वारदात को अंजाम दिया था। पूरी रकम बरेली और बंगाल के कुल तीन खातों में ट्रांसफर की गई।
इनमें से बरेली के खाते से 65 लाख रुपये देश भर के अलग-अलग खातों में भेजने वाले दो एजेंट भी गिरफ्तार आरोपियों में शामिल हैं। इन दोनों का नाम दिव्यांशू निवासी तिलक नगर, राजेश्वर होस्पिटल, थाना कंकणबाग पो. लाहिया नगर जिला पटना बिहार, पुलकित द्विवेदी निवासी 123 खंडेरायपुर बगली पिजारा थाना रानीपुर, जिला मऊ हैं।

इसके अलावा तीन अन्य में खाताधारक संजीव कुमार निवासी वीरपुर मकरूका थाना भोजी पुरा जिला बरेली, उसका साला सुरजीत सिंह निवासी ग्राम व पोस्ट इटउआ धुरा, थाना बहेड़ी जिला बरेली और एक अन्य विजय कुमार निवासी डंडिया बीरम नंगला थाना नवाबगंज जिला बरेली शामिल हैं।

साइबर थाना पुलिस ने बताया कि जांच के क्रम में पता चला कि कुल तीन खातों में रकम ट्रांसफर की गई। इनमें से एक बरेली और दो कोलकाता के हैं। 65 लाख बरेली और शेष रकम कोलकाता के खातों में भेजी गई। बरेली के जिस खाते में रकम डाली गई, वह संजीव के नाम पर था।

पकड़े जाने पर पता चला कि उसने पांच फीसदी कमीशन के लालच में अपने खाते का एक्सेस साले सुरजीत के माध्यम से विजय को दिया था। बाद में पता चला कि विजय ने एजेंटों दिव्यांशु व पुलकित के कहने पर ऐसा किया था। इसके बाद पांचों को गिरफ्तार लिया गया।

नेपाल का सैम है सरगना: पुलिस के मुताबिक, पूछताछ में दोनों एजेंटों ने बताया कि इस घटना को नेपाल व कंबोडिया से संचालित हो रहे गिरोह ने अंजाम दिया। इस गिरोह का सरगना नेपाल का सैम है। सैम व उसके गिरोह के अन्य लोगों ने ही मंत्री के अकाउंटेंट से रकम ट्रांसफर कराई। इसके बाद उन दोनों ने बरेली के खाते में भेजी गई रकम को अलग-अलग खातों में ट्रांसफर किया। इसी तरह कोलकाता के दो खातों में भेजी गई रकम भी गिरोह के अन्य भारतीय एजेंटों ने अलग-अलग खातों में ट्रांसफर की। इसके बदले में एजेंटों को रकम का पांच फीसदी कमीशन मिलता है।

12.22 लाख रुपये ही कराए जा सके हैं फ्रीज

ठगी की कुल रकम 2.08 करोड़ में से केवल 12.22 लाख रुपये ही फ्रीज कराए जा सके हैं। यह कोलकाता के दो खातों में बची रकम है जबकि गिरोह ने बरेली के खाते में भेजी गई पूरी 65 लाख की रकम अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर दी। साइबर थाना पुलिस का कहना है कि बरेली के खाते में भेजी गई रकम का वारा-न्यारा करने वाले दो एजेंटों समेत पांच को गिरफ्तार कर लिया गया है। कोलकाता के दो खातों से रकम ट्रांसफर करने वालों का पता लगाया जा रहा है।

ऐसे हुई थी ठगी

13 नवंबर को मंत्री के बेटे के अकाउंटेंट को एक अज्ञात वाट्सएप नंबर से मैसेज आया। इस अकाउंट की डीपी में मंत्री के बेटे की तस्वीर लगी थी। इस तरह मंत्री का बेटा बनकर अकाउंटेंट को मैसेज किया गया कि ह्यमैं एक मीटिंग में हूं और बिजनेस डील फाइनल कर रहा हूं। इसके लिए कुछ खातों के नंबर भेज रहा हूं। इसमें तीन बार में 2.08 करोड़ रुपये डालने को कहा गया। जिस पर अकाउंटेंट ने बताए गए खातों में रकम ट्रांसफर कर दी।

 

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