महिला जिमनास्ट दीपा करमाकर ने लिया सन्यास

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  • उतार- चढ़ाव और बीच की हर चीज के लिए आभारी हूं

नई दिल्ली। ओलंपिक 2024 का आयोजन हाल ही में किया गया था। जहां भारत ने कुल 6 मेडल जीते। ओलंपिक खत्म होने के लगभग दो महीने के बाद एक भारतीय स्टार एथलीट और ओलंपिक में हिस्सा ले चुकी भारत की पहली महिला जिमनास्ट दीपा करमाकर ने संन्यास ले लिया है। उन्होंने इस बात का खुलासा अपने सोशल मीडिया के जरिए दिया है। दीपा करमाकर ने भारत ने के लिए कई बड़े इवेंट में मेडल जीता है। ओलंपिक 2016 में उन्होंने हिस्सा लिया था। जहां उनका प्रदर्शन काफी कमाल का रहा था। हालांकि वह मेडल जीतने से चूक गई है। वह चौथे स्थान पर रही थी।

दीपा ने अपने संन्यास का ऐलान करते हुए लिखा कि काफी सोच-विचार के बाद मैंने जिमनास्टिक से संन्यास लेने का फैसला किया है। यह फैसला मेरे लिए आसान नहीं था, लेकिन अब मुझे लगता है कि यह सही समय है। जिमनास्टिक मेरे जीवन का एक बड़ा हिस्सा रहा है और मैं हर पल, उतार-चढ़ाव और बीच की हर चीज के लिए आभारी हूं। मुझे पांच साल की दीपा याद है, जिसे बताया गया था कि उसके सपाट पैर के कारण वह कभी जिमनास्ट नहीं बन सकती।

आज, मुझे अपनी उपलब्धियों को देखकर बहुत गर्व महसूस होता है। विश्व मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करना, पदक जीतना और सबसे खास, रियो ओलंपिक में प्रोडुनोवा वॉल्ट का प्रदर्शन करना मेरे करियर के सबसे यादगार पल रहे हैं। आज, उस छोटी दीपा को देखकर मुझे बहुत खुशी होती है, क्योंकि उसमें सपने देखने का साहस था।

ताशकंद में एशियाई महिला जिमनास्टिक में उन्होंने हाल ही में हिस्सा लिया था। जहां उन्होंने देश के लिए गोल्ड मेडल जीता। इसपर उन्होंने लिखा कि ताशकंद में एशियाई जिमनास्टिक चैंपियनशिप में मेरी आखिरी जीत एक महत्वपूर्ण मोड़ थी क्योंकि तब तक, मुझे लगता था कि मैं अपने शरीर को और आगे बढ़ा सकती हूं, लेकिन कभी-कभी हमारा शरीर हमें आराम करने के लिए कहता है, भले ही दिल सहमत न हो।इसके अलावा उन्होंने अपने कोचों का भी शुक्रिया अदा किया।

अपने कोचों के बारे में लिखते हुए दीपा ने लिखा कि मैं अपने कोचों, बिश्वेश्वर नंदी सर और सोमा मैम का शुक्रिया अदा करना चाहती हूं, जिन्होंने पिछले 25 सालों से मेरा मार्गदर्शन किया है और मुझे मेरी सबसे बड़ी ताकत बनने में मदद की है।

मैं त्रिपुरा सरकार, जिमनास्टिक्स फेडरेशन, भारतीय खेल प्राधिकरण, गोस्पोर्ट्स फाउंडेशन और मेराकी स्पोर्ट एंड एंटरटेनमेंट से मिले समर्थन के लिए भी बहुत आभारी हूं और अंत में, मेरा परिवार, जो हमेशा मेरे अच्छे और बुरे समय में मेरे साथ खड़ा रहा है।

उन्होंने आगे लिखा कि भले ही मैं रिटायर हो रही हूं, लेकिन जिमनास्टिक्स से मेरा नाता कभी नहीं टूटेगा। मैं इस खेल को कुछ वापस देना चाहती हूं, शायद मेरी जैसी लड़कियों को सलाह देकर, कोचिंग देकर या उनका समर्थन करके। आखिर में दीपा द्वारा कही गई बातों से यह साफ हो गया है कि वह कोचिंग में हाथ आजमा सकती हैं।

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