– कर्मचारियों में आक्रोश।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। छावनी क्षेत्र में सफाई के नाम पर महज औपचारिकता हो रही है। यही कारण है कि नालियां गंदगी से अटी हैं, तो नाले चोक हैं। लेकिन सोमवार को जब नाला सफाई कराने का अभियान शुरू हुआ तो छावनी बोर्ड अधिकारियों की लापरवाही की पोल खुल गई। पुराने गंदगी से अटे नाले में कर्मचारियों को बिना सुरक्षा किट के ही उतार दिया गया। ऐसे में किसी भी हादसे से इंकार नहीं किया जा सकता है।
छावनी क्षेत्र के विभिन्न वार्डों में सफाई व्यवस्था पूरी तरह से खराब हो चुकी है। नालियां भरी पड़ी हैं, कूड़ा उठाने वाला कोई नहीं आता और लोग गंदगी के बीच जीने को मजबूर हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि, छावनी क्षेत्र का पूरा एरिया कैंटोनमेंट बोर्ड के अंतर्गत आता है। यहां 8 वार्ड हैं और एक लाख के करीब जनता निवास करती है। काफी समय से इस क्षेत्र में सभासदी का चुनाव नहीं हुआ है। ऐसे में मौजूदा वार्डों और नालों की देखरेख पूरी तरह कैंटोनमेंट बोर्ड के हाथों में चली गई है। जबकि, छावनी परिषद के नालों की बात करें तो यहां साफ-सफाई की व्यवस्था डगमगा गई है।
नाले नालियां अटी पड़ी हैं और कूड़ा कोई उठाने आता नहीं है। जबकि, शहर का मुख्य बाजार भी इसी क्षेत्र में पड़ता है। इसके बावजूद यहां के हालात बदतर होते जा रहे हैं। लोग गंदगी, पानी और अन्य परेशानियों से जूझ रहे हैं। जबकि, यहां के नालों की करें तो पिछले काफी समय से यहां के नालों की सफाई नहीं की गई।
सोमपार को नालों की सफाई की गई तो सफाई कर्मचारियों को बिना सेफ्टी किट के ही नालों में उतार दिया गया। जबकि, इन नालों में विषैले कीड़े और सांपों का खतरा बना हुआ है। बावजूद,
इसके इस तरीके से सफाई कर्मचारियों को नाले में उतरना कितना सही है। इसका जवाब छावनी अधिकारियों के पास नहीं है।