– ड्राइवर को बुलाया था राणा शूटिंग रेंज, एसटीएफ ने पकड़े थे इटली मेड 1975 कारतूस
शारदा रिपोर्टर
मेरठ। एसटीएफ द्वारा पकड़े गए इटली मेड 1975 कारतूस के मामले में एसटीएफ ने चौथे शख्स को भी आरोपी बना लिया है। इसका नाम गुड्डू चाचा है। पकड़े गए कार चालक राशिद ने बयान दिया कि मेरठ के रुड़की रोड पैसेफिक हाइट्स के सक्षम मलिक ने उसे कॉल करके राणा इंस्टीट्यूट आॅफ शूटिंग स्पोर्ट प्रेमनगर देहरादून बुलाया था।
वहां से सुभाष राणा और गुड्डू चाचा ने कारतूसों के 8 पैकेट गाड़ी में रखे थे। इस मामले में पल्लवपुरम थाने में रिपोर्ट दर्ज कराए जाने के बाद पुलिस सक्षम मलिक, सुभाष राणा और गुड्डू चाचा की तलाश कर रही है। 12 बोर के ये कारतूस किसको सप्लाई किए जाने थे, इसमें पुलिस अभी खाली हाथ है।
दरअसल, मेरठ एसटीएफ ने मंगलवार दोपहर एक स्विफ्ट कार को पकड़ा था तलाशी में कारतूस मिले। कार ड्राइवर राशिद ने बताया, यह कारतूस सुभाष राणा और सक्षम मलिक ने इंस्टीट्यूट आॅफ शूटिंग स्पोर्टस (रिस) देहरादून से उसे दिए थे। मेरठ में डिलीवरी करनी थी, लेकिन उससे पहले पकड़ा गया। देहरादून की ये शूटिंग रेंज पद्मश्री इंटरनेशनल शूटर जसपाल राणा की है। सुभाष राणा जसपाल राणा का भाई है।
मेरठ एसटीएफ के एसपी बृजेश कुमार सिंह ने बताया था कि मंगलवार दोपहर एसडी ग्लोबल हास्पिटल के पास चाहत नर्सरी से ग्रेटर पल्लवपुरम को जाने वाले रास्ते पर एक स्विफ्ट डिजायर को पकड़ा गया। टीम ने कार की तलाशी ली। 12 बोर के कारतूस 8 पैकेट में भरे हुए थे। कार ड्राइवर बुढ़ाना के जौला गांव निवासी राशिद चला रहा था। उसने बताया कि यह कारतूस सुभाष राणा एवं सक्षम मलिक ने इंस्टीट्यूट आॅफ शूटिंग स्पोर्टस (रिस) देहरादून से उसको दिए थे।
जब एसटीएफ ने सुभाष और सक्षम की मोबाइल लोकेशन ट्रेस की, तो वह शूटिंग रेंज में मिली। ये कारतूस शूटिंग रेंज से कारतूस निकालकर संजीव जीवा के गैंग तक पहुंचाए जा रहे थे। इसके बीच की कड़ी अनिल बंजी गैंग को माना जा रहा है।
संजीव जीवा गैंग से जुड़े तार
एसटीएफ मान रही है कि ये कारतूस संजीव जीवा गैंग तक पहुंचाने की डील थी। एसटीएफ ने संजीव गैंग को हथियार सप्लाई देने वाले तस्कर अनिल बालियान उर्फ अनिल बंजी को 20 दिसंबर, 2024 को गिरफ्तार कर लिया था। अनिल से ही शामली पुलिस ने एके-47 बरामद की थी। ये वही एके-47 थी, जो संजीव जीवा से खरीदी गई थी। अनिल को पांच दिन पहले ही रिमांड पर लेकर एसटीएफ ने पूछताछ की थी।