करोड़ों रुपये के खर्च के बाद भी शहर बनता जा रहा नरक, जगह-जगह कूड़े के ढेर, बिना बारिश जलभराव से लोग परेशान

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  • नगर निगम की सफाई व्यवस्था लगातार होती जा रही लचर,
  • कूड़े के ढेर और बिना बारिश जलभराव से लोग परेशान।

शारदा रिपोर्टर

मेरठ। करोड़ों खर्च होने के बाद भी में सफाई व्यवस्था ध्वस्त है। महानगर की हालत गांवों से बदतर हो गई है। जगह जगह कूड़े के ढेर लग रहे हैं। सफाई कर्मियों का कमी होने से गली मोहल्लों में कई कई दिन तक सफाईकर्मी नहीं आते। बाहरी बस्तियों में सप्ताह में एक दिन ही कूड़ा उठता है। नाले नालियां में सिल्ट भरी होने से बिना बारिश के जलभराव होता है। इससे बीमारियां फैलने का खतरा बना हुआ है। समस्या के समाधान के प्रति नगर निगम के अधिकारी गंभीर नहीं है।

 

मलियाना: नाले नालियां में सिल्ट भरी होने से बिना बारिश के जलभराव.

 

25 लाख की आबादी वाले महानगर में 90 वार्ड हैं। यहां रोजाना करीब 1100 मैट्रिक टन कूड़ा निकलता है। आबादी के हिसाब से यहां सात हजार से अधिक सफाई कर्मचारी होने चाहिए, लेकिन यहां मात्र 2415 सफाईकर्मी स्थाई हैं। इसके अलावा 22 सौ आउट सोर्सिंग के सफाईकर्मी हैं। सफाई के लिए नगर निगम ने महानगर को तीन जोन में बांटा है। कंकरखेड़ा, सूरजकुंड और दिल्ली रोड जोन। प्रत्येक जोन में कूड़ा उठाकर लोहिया नगर स्थित डंपिंग ग्राउंड कूड़ा पहुंचाने के लिए 15-15 डंपर और जेसीबी मशीनें हैं।

यहां भी गंदगी से लोग परेशान: बाहरी बस्ती नूरनगर, लिसाड़ी, फाजलपुर, लालामोहम्मदपुर, फतेहउल्लाहपुर, मलियाना, इस्लामनगर, टीपीनगर आदि क्षेत्रों में भी गंदगी से लोग परेशान हैं। लोगों द्वारा नगर निगम के साथ-साथ प्रशासनिक अधिकारियों तक से समय-समय पर गुहार की जाती है, लेकिन समस्या जस की तस बनी है।

कर्मचारी संघ के नेता विनेश विद्यार्थी का कहना है कि करीब 40 वर्ष पूर्व नगर की आबादी मात्र छह लाख थी, जब नगर पालिका थी, जिसमें सफाईकर्मियों के 3367 पद स्वीकृत थे। महापालिका बनी और करीब 25 वर्ष पूर्व नगर निगम की स्थापना हुई। अब नगर की आबादी करीब 30 लाख हो गई। जबकि, कर्मचारियों भी भर्ती नहीं होने से शहर की सफाई व्यवस्था बेपटरी होती जा रही है।

इन क्षेत्रों में है सबसे ज्यादा समस्या

घंटाघर, लाला का बाजार, मलियाना वार्ड न0 2, जत्तीवाड़ा, खैरनगर, जली कोठी, पूर्वा फैयाज अली, मकबरा डिग्गी, मकबरा अब्बू, भटीपुरा, ईदगाह, ईश्वरपुरी, जाटव गेट, पुर्वा इलाही बख्श, शाहनत्थन, करम अली, गुदड़ी, सराय बहलीम, रांगड़ों की चौपाल, पड़ियान, शाहघासा, शोहराब गेट, शाहपीर गेट, सुभाष नगर, पुरानी मोहनपुरी, ब्रह्मपुरी, इन्दिरा नगर, मास्टर कालोनी, पंजाबीपुरा, गणेशपुरी, खत्ता रोड, तारापुरी, रशीदनगर, सद्दीकनगर, श्यामनगर, कांच का पुल, फतेहउल्लापुर रोड, इस्लामाबाद, गोला कुंआ, करीम नगर में जगह-जगह कूड़े के अंबार लगे रहते हैं। इन क्षेत्रों में अक्सर बिना बारिश के जलभराव हो जाता है। क्षेत्रवासी गंदगी और जलभराव को लेकर खासे परेशान हैं।

हर वार्ड में दो-दो कूड़ा उठाने वाली वैन

हर वार्ड में दो-दो कूड़ा उठाने वाली वैन हैं। इसके अलावा चार-चार रेहड़े हैं। शहर में अधिकांश क्षेत्रों में बिना बारिश जलभराव होता है। नगर निगम में हर माह बड़ी संख्या में सफाई कर्मचारी रिटायर्ड हो रहे हैं। वर्षों से रिक्त होते सफाईकर्मियों को पदों को भरा नहीं जा रहा। इससे नगर में सफाई व्यवस्था दिन ब दिन लड़खड़ाती जा रही है। महानगर के पुरानी गली मोहल्लों में सफाई व्यवस्था बेहद खराब है।

 

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