श्रद्धालुओं ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन डीएम को सौंपा
शारदा रिपोर्टर
मेरठ। जेल में बंद संत आसाराम के गंभीर बीमार होने के कारण उनके इलाज के लिये रिहा करने की मांग को लेकर श्री योग वेदांत सेवा समिति ने कमिश्नरी पर प्रदर्शन कर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन डीएम को सौंपा।
श्री योग वेदांत सेवा समिति के प्रवक्ता सुजीत भाई ने बताया कि झूठे आरोपों के तहत जोधपुर कारागार में रखे गये 86 वर्षीय संत आशारामजी बापू के स्वास्थ्य की स्थिति अत्यंत नाजुक है। जेल जाने से पूर्व 74 की उम्र में अतिव्यस्त जीवनशैली के बावजूद बापू को सिर्फ ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया व पीठ-दर्द की तकलीफ थी लेकिन 11.5 वर्ष से अधिक समय से लगातार कस्टडी के तनावयुक्त वातावरण से अब 86 वर्ष की इस वयोवृद्ध अवस्था में उनको हृदयरोग, पौरुष ग्रंथि की वृद्धि संधिवात एवं रक्ताल्पता आदि नयी बीमारियों ने भी घेर लिया है। तनावमुक्त वातावरण में इच्छानुसार चिकित्सा आदि के अभाव से इन प्राणघातक बीमारियों की निवृत्ति न होने से उनका स्वास्थ्य बिगड़ता जा रहा है।
आशाराम बापू 13 जनवरी से 6 फरवरी 2024 तक जोधपुर के एम्स अस्पताल में कार्डियक आईसीयू में भर्ती रहे हैं। बापू को लगातार रक्तस्राव हो रहा है, जिसकी वजह से उनके हीमोग्लोबिन का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। उनकी गम्भीर शारीरिक स्थिति को देखते हुए हाल ही में पैरोल की अर्जी लगायी गयी थी जिसे उनके रोग की भयानकता को अनदेखा कर दिया गया। 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि कैदी को खराब स्वास्थ्य के आधार पर अंतरिम जमानत देने में उदारता बरती जानी चाहिए। व्यक्ति का सेहत ठीक रहे यह सबसे जरूरी है। उसकी सेहत से संबंधित समस्याओं का राज्य सरकार ध्यान रखे, न्यायपालिका को भी इसे सतर्कता और संवेदनशीलता के साथ देखना चाहिए। श्री योग वेदान्त सेवा समिति एवं सभी साधक परिवार, नारी संगठन एवं कई हिन्दू संगठनों के द्वारा यह मांग की गई कि देश, धर्म, सस्कृति और समाज के सर्वांगीण उत्थान में संत श्री आशाराम बापू का बड़ा योगदान है अत: सरकार द्वारा पूज्य बापूजी को उनकी इच्छानुसारयथेच्छित स्थान पर यथानुकूल चिकित्सा पद्धति द्वारा उपचार हेतु शीघ्रातिशीघ्र राहत दी जानी चाहिए। ज्ञापन सौंपने वालों में श्री योग वेदांत सेवा समिति के पदाधिकारियों सहित अन्य कई साधकग् व प्रतिष्ठित नागरिक व सामाजिक संगठन के कार्यकर्ता शामिल थे।