शारदा रिपोर्टर मेरठ। शास्त्रीनगर, सेंट्रल मार्केट मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट का सुप्रीम फैसला आने के बाद यहां के दुकानदार पूरी रात सो नहीं सके। व्यापारियों का कहना है कि अगर हमसे हमारा रोजगार ही छीन लिया गया तो वह कहां जाएंगे। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के आदेश आने के बाद कई व्यापारी संगठन इस फैसले के विरोध में खड़े हो गए हैं। व्यापारियों का साफ कहना है कि, व्यापारियों का उत्पीड़न किसी भी हालत में स्वीकार नहीं किया जाएगा।
दरअसल, शास्त्रीनगर, सेंट्रल मार्केट के आवासीय प्लॉटों पर व्यवसायिक निर्माण को अवैध निर्माण माना और 10 साल पूर्व 2014 में इलाहाबाद हाईकोर्ट के ध्वस्तीकरण आदेश पर मुहर लगा दी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, हाईकोर्ट ने 2014 में जो ध्वस्तीकरण के आदेश पारित किए थे वह सही आदेश था। अब अवैध निर्माण के आरोपियों को तीन महीने में अवैध निर्माण का कब्जा आवास विकास को सौंपने के आदेश दिए हैं, ताकि ध्वस्तीकरण का कार्य हो सके। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की बेंच ने सेंट्रल मार्केट स्थित भूखंड संख्या-661/6 समेत अन्य अवैध निर्माण के मामले में हाईकोर्ट के 2014 के आदेश को वैध ठहराते हुए ध्वस्तीकरण का आदेश दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बिना किसी अनुमति और बिना किसी नक्शा पास कर निर्माण कराया गया और उस पर दुकानें बनाकर विक्रय कर दी गईं। इस निर्माण के खिलाफ आवास एवं विकास ने कई बार नोटिस जारी किए, पर उनका कोई जवाब नहीं दिया गया। वहीं, इस आदेश के आने के बाद व्यापारियों में हड़कंप मचा हुआ है और वह बस यहीं प्रार्थना कर चुके हैं कि उनका रोजगार बचा रहे।
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