शामली। जलालाबाद क्षेत्र में अस्थायी पुल से फिसलकर बैल बुग्गी कृष्णा नदी में पलट गई। बुग्गी में सवार तीन किशोर भी पानी में डूब गए।
काफी देर बाद दो किशोर तो तैरकर सुरक्षित निकल गए, लेकिन एक किशोर का शव तलाश के बाद मिला। बैल-बुग्गी का कोई पता नहीं चल पाया था। हादसा सुबह करीब नौ बजे काले वाले घाट पर हुआ।
मोहल्ला खरादियान रामरतन मंडी निवासी याकूब का इकलौता बेटा अब्दुल्ला (17) मोहल्ले के ही दो अन्य साथियों हैदर पुत्र तासीन व उवेश पुत्र यासीन के साथ बैल बुग्गी लेकर खेत से चारा लेने के लिए जा रहा था। कृष्णा नदी के काले वाले घाट पर अस्थायी पुल पर लगे पाइप पर पहिया फिसलने से बुग्गी नदी में पलट गई। बुग्गी में सवार तीनों किशोर भी नदी में डूब गए। हादसे की सूचना पर गांव में अफरातफरी मच गई।
ग्रामीण मौके पर पहुंचे और डूबे किशोरों की तलाश शुरू की। कुछ देर बाद ही हैदर व उवेश तो तैरकर किसी तरह नदी से सुरक्षित बाहर आ गए, लेकिन अब्दुल्ला और बैल बुग्गी पानी का कोई पता नहीं चल पाया। तालाब में मछली पकड़ रहे युवकों ने अब्दुल्ला की तलाश की। सूचना पर थानाभवन थाना प्रभारी सतीश कुमार भी पहुंचे।
करीब तीन घंटे की मशक्कत के बाद अस्थायी पुल से कुछ दूरी पर गहराई में अब्दुल्ला मिला। उसे बाहर निकालकर अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
परिजनों ने शव का पोस्टमार्टम कराने से मना कर दिया। मौके पर पहुंचे नायब तहसीलदार रविंद्र कुमार व नगर पंचायत चेयरमैन जहीर मलिक के समझाने की बाद परिजन पोस्टमार्टम करने के लिए तैयार हुए।
इकलौता बेटा था अब्दुल्ला: अब्दुल्ला इकलौता पुत्र था। हादसे में उसकी मौत होने से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल बना रहा। चेयरमैन जहीर मलिक व सभासदोें ने प्रशासन से वार्ता कर गरीब परिवार को आर्थिक मदद दिलाने का भरोसा दिया है।
रुड़की गंगनहर से आया पानी
बताया गया है कि रुड़की गंग नहर से सहारनपुर जनपद के गांव भनेड़ा में बने छोटे तटबंध के टूटने से कृष्णा नदी में पानी ज्यादा पहुंचने से कृष्णा नदी उफान पर है। पानी का भी तेज बहाव है।
गोताखोर समय पर पहुंच जाते तो बच सकती थी जान
नदी में किशोर के डूबने के बाद पुलिस प्रशासन भी असहाय की स्थिति में मौके पर मौजूद रहा। घटना के तीन घंटे बाद भी पुलिस प्रशासन गोताखोरों की व्यवस्था नहीं कर सका। बाद में स्थानीय मछुआरों ने जान जोखिम में डालकर किशोर के शव को बाहर निकाला।