– ताऊ के बच्चों को इसलिए नहीं छोड़ा, क्योंकि बड़े होकर वह भी बदला लेते
वाराणसी। भदैनी में एक परिवार के पांच लोगों की हत्या मामले में हत्यारोपी की गिरफ्तारी के बाद नए-नए खुलासे हो रहे हैं। भदैनी निवासी ताऊ राजेंद्र कुमार गुप्ता समेत उनके परिवार के पांच सदस्यों की हत्या की साजिश एप डेवलपर भतीजे विशाल गुप्ता उर्फ विक्की ने रची। वह सोए हुए ताऊ की गोली मारकर हत्या करने के बाद वह पैदल ही लठिया आया। वहां से एक फूड डिलीवरी कंपनी के डिलीवरी बॉय से मोबाइल मांगकर आॅटो बुक किया। उस आॅटो से भिखारीपुर आया। भिखारीपुर से फिर लहरतारा आया। लहरतारा से कैंट स्टेशन और फिर से आॅटो बदलकर कैंट से भदैनी पहुंचा।
चारों आॅटो चालकों को उसने 500-500 रुपये दिए थे। विक्की ने बताया कि ताऊ के घर में पीछे की ओर से वह घुसा और छत पर चला गया। लगभग चार घंटे बाद सुबह 5:30 बजे उसकी बड़ी मां नीतू जब सबमर्सिबल पंप आॅन करने आईं तो प्रथम तल स्थित उनके कमरे में जाकर उसने उन्हें गोली मार दी। फिर, दूसरे तल पर चचेरे भाई-बहनों के कमरे में गया। सोए हुए सुवेंद्र को उसने बेड पर गोली मारी। नमनेंद्र फायरिंग की आवाज सुनकर भागा और बाथरूम में छिपा तो उसे दौड़ाकर गोली मारी। फिर आखिर में उसने गौरांगी को गोली मारी। विक्की ने बताया कि पांचों लोगों की हत्या में उसने 32 राउंड फायरिंग की थी।
भदैनी के पांच लोगों की हत्या के आरोपी एप डेवलपर विक्की और दिल्ली में आईटी कंपनी में काम करने वाले उसके भाई जुगनू की गिरफ्तारी आसान नहीं थी। कारण कि वारदात के बाद विक्की बातचीत के लिए मोबाइल फोन इस्तेमाल ही नहीं कर रहा था। किसी एटीएम से न पैसा निकाला और न कहीं आॅनलाइन भुगतान किया और न किसी होटल या गेस्ट हाउस में ठहरा।
पुलिस ने वारदात की गुत्थी सुलझाने के लिए 336 घंटों की सीसी फुटेज खंगाली। वारदात के पहले और बाद का उसका डिजिटल रूट चार्ट तैयार किया। मार्च 2022 से छह नवंबर 2024 तक विक्की और जुगनू की लोकेशन और फोन पर उनके संपर्क में आए लोगों की जानकारी जुटाने के लिए तकरीबन पांच लाख मोबाइल नंबर खंगाले। तब जाकर तकनीक की मदद से ही विक्की और जुगनू पकड़े गए।
भदैनी निवासी राजेंद्र प्रसाद गुप्ता और उनके परिवार के सदस्यों की हत्या के बाद उनका छोटा भतीजा जुगनू पुलिस के बुलाने पर आसानी से आ गया था। लंबी पूछताछ और पड़ताल के बाद भी हत्याकांड में जुगनू की संलिप्तता नहीं उजागर हुई तो उसे पुलिस ने छोड़ दिया। एडीसीपी काशी जोन सरवणन टी ने बताया कि जुगनू की लगातार निगरानी, कई शहरों में दबिश और परिवार के सदस्यों के बैंक अकाउंट खंगालने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली थे।
ऐसे में सर्विलांस की मदद से दोबारा जुगनू के मोबाइल फोन की मॉनिटरिंग शुरू की गई। अचानक पता लगा कि वह अपने मोबाइल फोन से इंस्टाग्राम और फेसबुक की दो-तीन फर्जी आईडी इस्तेमाल कर रहा है। उन आईडी को खंगाला गया तो सामने आया कि उनका इस्तेमाल दो-तीन फर्जी आईडी से चैटिंग के लिए किया जाता है। यही इस मुकदमे का टर्निंग पॉइंट था। फिर, सर्विलांस की मदद से ही विक्की के मेसेंजर एप की लोकेशन ट्रैक की गई और दोनों भाई गिरफ्तार किए गए।
वाराणसी में एक ही परिवार के पांच सदस्यों की हत्या
नवंबर 2024 में वाराणसी में एक ही परिवार के पांच सदस्यों की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। भदैनी इलाके में एक बहुमंजिला मकान के अलग-अलग तल से मंगलवार यानी 5 नवंबर को एक महिला, उसके दो बेटों और एक बेटी का शव मिला था। जबकि घटनास्थल से लगभग 14 किलोमीटर दूर मीरापुर रामपुर स्थित निमार्णाधीन मकान में महिला के पति का अर्धनग्न शव बेड पर मिला। उसे भी गोली मारी गई थी। पांचों की कनपटी और सीने में गोली मारी गई थी।
दोनों ही घटनास्थल से मिले खोखा के आधार पर पुलिस दावा कर रही थी कि पांचों लोगों की हत्या में .32 बोर की पिस्टल का इस्तेमाल किया गया था। पुलिस पुराने विवाद और घटनाओं को ध्यान में रखकर जांच कर रही थी। परिवार के मुखिया मृत राजेंद्र पर अपने पिता, छोटे भाई और उसकी पत्नी के साथ ही एक चौकीदार की हत्या का आरोप था।